बड़ी खबरः नीरव मोदी को यूके कोर्ट से मिला बड़ा झटका, अब भारत आने की राह हुई और आसान

नई दिल्ली। भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को यूके के हाई कोर्ट से तगड़ा झटका मिला है। उसकी अपील को कोर्ट ने ठुकरा दिया है। इसके बाद वो प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ यूके के सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं कर सकेगा।

गुरुवार को ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट में उसके अनुरोध को खारिज करने का मतलब है कि उसको भारत लाने की राह अब और भी ज्यादा आसान हो गई है। पिछले हफ्ते ही भारतीय प्राधिकारियों ने ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ अपील की अनुमति देने का अनुरोध करने वाली उसकी याचिका पर जवाब दिया था। भारत सरकार की ओर से ब्रिटिश अदालतों में सरकार की कानूनी लड़ाई लड़ रही क्राउन प्रोसीक्यूशन सर्विस ने 51 वर्षीय नीरव मोदी की अपील के खिलाफ अदालत में अपना जवाब दाखिल किया था।

हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका

हाईकोर्ट में अपील खारिज होने के बाद नीरव मोदी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकता था। लेकिन इसमें पेंच यह है कि सुप्रीम कोर्ट में कोई अपील तभी की जा सकती है जब हाईकोर्ट यह कह दे कि मौजूदा केस आम लोगों के लिए अहम है। लेकिन आज की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने साफ कहा कि उसे नहीं लगता कि इस केस की कोई अहमियत लोगों के लिए है। अब वह यूरोपीयन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स के रूल 39 के तहत अपील दायर कर सकता है। इस नियम के तहत कोर्ट कुछ अंतरिम उपाय लागू करता है।

नीरव मोदी ने कोर्ट में कहा उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं

नीरव ने अपनी अपील में कहा था कि भारत की जेलों की हालत बदतर है। उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वो खुदकुशी जैसा कदम भी उठा सकता है अगर उसे भारत भेजा गया तो। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा कि उसकी हालत दुरुस्त है। ब्रिटेन हाई कोर्ट ने प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि आत्महत्या की प्रवृत्तियां दिखना प्रत्यर्पण से बचने का आधार नहीं बन सकता है।