नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। एक तरफ वे अगले राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी कर रहे हैं, दूसरी ओर पिछले साल 6 जनवरी को हुई घटना को लेकर जांच पैनल ट्रंप के खिलाफ क्रिमिनल केस में मुकदमे की तैयारी कर रहा है।

पैनल तीन आरोपों पर गंभीरता से विचार कर रही है और सोमवार तक सार्वजनिक तौर पर इनकी सिफारिश कर सकता है। डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ आरोपों में विद्रोह, आधिकारिक कार्यवाही में बाधा और संघीय सरकार को धोखा देने की साजिश शामिल है।
पैनल को सोमवार दोपहर तक सार्वजनिक रूप से मिलना है जब इस तरह की सिफारिश सार्वजनिक की जाएगी। पैनल की तरफ से ट्रंप के खिलाफ क्रिमिनल केसों में मुकदमा चलाने का निर्णय अचानक लिया गया फैसला नहीं है। दरअसल, कमेटी के उपाध्यक्ष लिज़ चेनी की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय पैनल जुलाई 2021 में गठित होने के बाद से सबूत इकट्ठा कर रहा है। जो इशारा करती हैं कि न्याय विभाग को आरोप क्रिमिनल केसों के आधार पर रेफर किया जाए।
ट्रम्प के बारे में चेनी ने कहा था कि, “आप एक ट्वीट नहीं भेज सकते हैं जो हिंसा को उकसाता है। आप कैपिटल में सशस्त्र भीड़ नहीं भेज सकते।” कमेटी द्वारा रेफर किये जाने के बाद यह संघीय अभियोजकों पर निर्भर करेगा कि वे अभियोजन के लिए किसी रेफरल का अनुसरण करें या नहीं। लेकिन समिति की सिफारिशें न्याय विभाग पर राजनीतिक दबाव बढ़ाएंगी। समिति के सदस्य जेमी रस्किन ने पिछले सप्ताह संवाददाताओं से कहा था कि, “संवैधानिक दृष्टि से सबसे बड़ा अपराध राष्ट्रपति चुनाव पर अंगुली उठाना और संवैधानिक आदेश को दरकिनार करने का प्रयास है।”
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