HIGH COURT

रायपुर। दिव्यांगता के कारण एक छात्रा को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश न दिए जानें का मामला सामने आया है। मामला महासमुंद जिले का है। जहां के महासमुंद मेडिकल कॉलेज में एक दिव्यांग छात्रा को हाथ में दिव्यांगता के कारण मेडिकल में प्रवेश से वंचित कर दिया गया।

डिस्ट्रिक्ट मेडिकल बोर्ड के दिव्यांगता सर्टिफिकेट को रिजेक्ट कर स्टेट मेडिकल बोर्ड का सार्टिफिकेट लाने कहा। मेडिकल कॉलेज में प्रवेश से वंचित छात्रा ने हाइकोर्ट में याचिका लगाई। हाइकोर्ट ने दिव्यांग कोटे से प्रवेश नियम पर बड़ा और महत्वपूर्ण आदेश देते हुए दिव्यांग छात्रा को कोटे से प्रवेश देने के साथ ही शासन के प्रवेश नियम 2018 के नोटिफिकेशन को निरस्त कर दिया है।

बताते चलें कि कि राजनंदगाव निवासी छात्रा अंजली सोनकर ने बारहवीं उत्तीर्ण करने के बाद NEET एग्जाम दिया और दिव्यांग कोटे से मेरिट में क्वालीफाई की। अंजलि के क्वालीफाई होने के बाद उसे महासमुन्द मेडिकल कॉलेज अलॉट हुआ था।

जब छात्रा ने अपने दस्तावेज मेडिकल कॉलेज में प्रस्तुत किए तब कॉलेज ने उसके दिव्यांगता सार्टिफिकेट को यह कहते हुए रिजेक्ट कर दिया की उसके ऊपरी हिस्से में दिव्यंगता है , निचले हिस्से में नहीं, साथ ही यह भी कहा कि सार्टिफिकेट डिस्ट्रिक्ट मेडिकल बोर्ड का है, स्टेट का नही इसलिए जो यहां मान्य नहीं है। ये सभी तर्क देते हुए छात्रा को मेडिकल प्रवेश से वंचित कर दिया। इससे परेशान छात्रा ने अपने अधिवक्ता धीरज वानखेड़े के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिसमें कोर्ट में छात्रा के पक्ष में फैसला सुनाया है।

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