कोटा। झारखंड स्थित जैन तीर्थ सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने के विरोध में राजस्थान के कोटा सहित पूरे प्रदेश में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो चुका है। जैन समाज के इस विरोध-प्रदर्शन को अन्य प्रदेशों के जैन समाज का भी समर्थन मिल रहा है। यदि मांगें जल्द पूरी नहीं हुई तो यह प्रदर्शन और भी उग्र होने की संभावनाएं जताई जा रही  है। राजस्थान में जैन समाज की ओर से विरोध किया जा रहा है। इसको लेकर तमाम शहरों में जुलूस निकालकर इस फैसले को बदलने की मांग की जा रही है। कोटा में बुधवार को समाज के लोगों ने बड़ा जुलूस निकाला। इससे पहले उदयपुर शहर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर व प्रतापगढ़ में भी जुलूस निकाले गए और विरोध प्रदर्शन किया गया।

जयपुर व अजमेर में समाज के लोगों ने अपनी दुकानें व बाजार बंद रखकर प्रदर्शन किया। कोटा, सिरोही, नागौर, झालावाड़ और टोंक आदि शहर में रैली निकाली गई। इधर, जयपुर में भी समाज ने 25 दिसंबर को रैली निकालने का आह्वान किया है। इस विरोध प्रदर्शन में स्कूल-कॉलेजों के बच्चे भी शामिल हैं। उधर, पवित्र जैन तीर्थ सम्मेद शिखर को पर्यटन की सूची से हटा दिया गया है। इसकी जानकारी खुद आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज ने एक चैनल के माध्यम से दी है। उन्होंने इसका श्रेय विश्व जैन संगठन को दिया है। इसलिए विरोध : 2 अगस्त 2019 को तत्कालीन झारखंड सरकार ने केंद्रीय वन मंत्रालय से झारखंड में गिरिडिह जिले के मधुबन स्थित सर्वोच्च जैन शाश्वत तीर्थ श्री सम्मेद शिखर जी ‘पारसनाथ पर्वतराज’ को पर्यावरण पर्यटन व अन्य गैर धार्मिक गतिविधियों की अनुमति मांगी थी। इसको लेकर मंत्रालय ने बिना जैन समाज की आपत्ति या सुझाव से अनुमति देने वाली अधिसूचना जारी कर दी।

जयपुर : 25 दिसंबर को रैली निकालेंगे
जयपुर के जैन समाज से जुड़े संगठनों ने पूरे शहर में अपने प्रतिष्ठान बंद कर अपना समर्थन दिया। साथ ही निर्णय किया गया है कि रविवार को 25 दिसंबर को जयपुर समेत पूरे प्रदेश में रैली निकाली जाएगी। जयपुर में भी रैली निकाली जाएगी जो रामनिवास बाग स्थित अल्बर्ट हॉल से मौन रैली रवाना होकर जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार, किशनपोल बाजार होते हुए महावीर स्कूल पहुंचेगी। जहां दिगम्बर एवं श्वेताम्बर जैन संतों के सानिध्य में धर्मसभा भी होगी।