नयी दिल्ली। राजस्व सतर्कता निदेशालय ने हैदराबाद में चोरी छुपे परिचालित की जा रही दो विनिर्माण प्रयोगशालाओं पर छापे डाल कर लगभग 50 करोड़ रुपये मूल्य का लगभग 25 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त किया है। इस सिलसिले में अब तक सात व्यक्ति गिरफ्तार किए गए हैं जिनमें कई पर देश में अन्य जगहों पर ऐसे ही गंभीर अपराधिक माले दर्ज हैं।


वित्त मंत्रालय ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि इस गोरखधंधे के सरगना और इसमें पैसा लगाने वाला व्यक्ति भी गोरखपुर में 60 लाख रुपये की नकदी के साथ एजेंसी के हत्थे लगा और इसमें शामिल पूरे जाल का भांडाफोड़ हो चुका है। यह व्यक्ति नेपाल भागने की फिराक में था।


मिली जानकारी के अनुसार डीआरआई के अधिकारियों ने इस कार्रवाई में 24.885 किलोग्राम तैयार मेफेड्रोन जब्त किया है, जिसकी कीमत बाजार में 49.77 करोड़ रुपये आंकी गयी है। इसके साथ ही अधिकारियों ने मादक द्रव्य में इस्तेमाल होने वाली सामग्री के साथ तथा बिक्री से प्राप्त 18.90 लाख रुपये की रकम, मुख्य कच्चा माल,मशीनें और तस्करी में इस्तेमाल किए जाने वाले वाहन भी जब्त किए हैं।


बयान में कहा गया है कि ठोस खुफिया जानकारी के आधार पर डीआरआई ने 21 दिसंबर को तेजी से एक समन्वित अभियान में दोनों जगह यह सफलता मिली। दोनों स्थानों पर सात लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इसके साथ ही आगे की कार्रवाई में नेटवर्क के सरगना और मुख्य वित्तपोषक को गोरखपुर में गिरफ्तार कर लिया गया जो 60 रुपये की नकदी के साथ नेपाल भागने का प्रयास कर रहा था।


बयान में कहा गया है कि गिरफ्तार व्यक्तियों में से कुछ 2016 के एक मामले में इंदौर में 236 किलोग्राम एफेड्रिन द्रव्य के गुप्त निर्माण ,यमुना नगर में 667 किलोग्राम मेफेड्रोन के गुप्त निर्माण तथा इंदौर की जेल से भागने, हैदराबाद में एक हत्या और वडोदरा में डकैती के मामले में लिप्त बताए गए हैं।


गृहमंत्री अमित शाह ने संसद के शीतकालीन सत्र में कहा था कि सरकार मादक द्रव्यों के अवैध कारोबार को लेकर सख्त है और इस कारोबार में शामिल बड़ी मछलियों को पकड़ने की कार्रवाई की जा रही है।