आज सलमान खान अपना 57वां बर्थडे मन रहे है। सलमान वो सुपरस्टार हैं जो अपने दुबलेपन के कारण कभी हीरो नहीं बनना चाहते थे। डायरेक्शन सीख रहे थे। किस्मत से फिल्म बीवी हो तो ऐसी मिली और वो बड़े पर्दे पर आ गए। मजेदार ये है कि खुद सलमान चाहते थे कि उनकी ये फिल्म फ्लॉप हो जाए क्योंकि उन्होंने इसमें काफी घटिया काम किया था और वो नहीं चाहते थे कि कोई उसे देखे।

जब फिल्म मैंने प्यार किया साइन की तो इतने दुबले थे कि उन्हें कई सीन पैंट के नीचे लड़कियों की 6-7 लेगिंग्स पहनाकर शूट किए गए क्योंकि हवा चलने पर उनकी पतली टांगे पैंट के ऊपर से साफ झलकती थीं। ये फिल्म ब्लॉकबस्टर रही लेकिन 8 महीने तक कोई दूसरी फिल्म नहीं मिली। हालात ये थे कि बेइज्जती से बचने के लिए फिल्मों के फर्जी अनाउंसमेंट भी कराए।

अब इन सबको पीछे छोड़ सलमान आज बॉलीवुड के सबसे महंगे और सबसे बिजी स्टार्स में से एक हैं। कभी सलमान की पहली कमाई 75 रुपए थी, आज 2300 करोड़ नेटवर्थ है। करीब 100 फिल्में कर चुके सलमान अब खुद दो प्रोडक्शन हाउस के मालिक हैं। बीइंग ह्यूमन अब सिर्फ एक फाउंडेशन नहीं, ब्रैंड है।

75 रुपए थी पहली कमाई

सलमान खान की पहली कमाई सिर्फ 75 रुपए थी, जो उन्हें ताज होटल के एक प्रोग्राम में डांस करने पर मिली थी। सलमान का एक दोस्त ताज होटल में एक शो में डांस करने गया था। उसने सलमान को भी अपने साथ बैकग्राउंड में डांस करने का मौका दिया, जिसके लिए उन्हें 75 रुपए मिले थे।

डायरेक्टर बनना चाहते थे सलमान खान

कॉलेज छोड़ने के बाद सलमान खान डायरेक्टर बनना चाहते थे, क्योंकि उन्हें अपनी फिजीक देखकर लगता था कि उन जैसा दुबला-पतला लड़का कभी हीरो नहीं बन सकेगा। करियर की शुरुआत करने के लिए सलमान खान ने 1988 में आई जैकी श्रॉफ की फिल्म फलक में शशिलाल नायर को असिस्ट किया। डायरेक्टर बनने के लिए सलमान ने एक फिल्म की स्क्रिप्ट भी लिखी थी। वो कई प्रोड्यूसर के चक्कर काटा करते थे, लेकिन कोई भी उन पर पैसे लगाने को तैयार ही नहीं था।

भारत में 100 करोड़ कमाने वाली पहली फिल्म थी ‘हम आपके हैं कौन’

मैंने प्यार किया फिल्म के बाद सलमान बागी, पत्थर के फूल, सनम बेवफा, कुर्बान, साजन जैसी फिल्मों में नजर आए। 1994 में सलमान अंदाज अपना अपना फिल्म में आमिर खान के साथ दिखे। ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हो गई, हालांकि बाद में इसे कल्ट कॉमेडी का स्टेटस मिला। इसके बाद सलमान सूरज बड़जात्या की फिल्म हम आपके हैं कौन में नजर आए, जिसने हिंदी सिनेमा में बॉक्स ऑफिस का नक्शा ही बदल दिया।

हम आपके हैं कौन से पहले 1983 की फिल्म डिस्को डांसर ने 100 करोड़ का ओवरसीज कलेक्शन किया था, जिनमें से फिल्म ने सोवियत यूनियन में 94 करोड़ और भारत में महज 6 करोड़ का कलेक्शन किया था। इस लिहाज से हम आपके हैं कौन भारत में 100 करोड़ का बिजनेस करने वाली पहली फिल्म थी।

दुसरो की मदद करने में सबसे आगे हैं भाईजान

सलमान ने जुड़वां बहनों को गोद लिया है, जिनके सिर आपस में जुड़े हुए हैं। सलमान ने इन्हें मिलने के लिए खुद टिकट भेजकर मुंबई बुलाया था।

सलमान खान बींग ह्यूमन NGO के फाउंडर हैं। शुरुआत में सलमान खुद अपने खर्च पर ये NGO चलाते थे। बाद में उन्होंने बींग ह्यूमन ब्रांड शुरू किया। इस ब्रांड से हुई कमाई का एक बड़ा हिस्सा जरूरतमंद लोगों की मदद को जाता है। ये NGO शिक्षा और हेल्थ के लिए काम करता है।

2011 में सलमान खान ने SKBH (सलमान खान बींग ह्यूमन) प्रोडक्शन हाउस शुरू किया है, जिससे कमाए हुए रुपए भी NGO में इस्तेमाल होते हैं। इस प्रोडक्शन की पहली फिल्म चिल्लर पार्टी थी, जिसे 4 नेशनल अवॉर्ड मिले हैं।

साल 2012 में सलमान ने 40 लाख रुपए उत्तर प्रदेश की 63 जेल के 400 कैदियों को छुड़वाने में दिए थे। ये वो कैदी थे, जिनकी सजा पूरी हो चुकी थी और बेल अमाउंट ना भर पाने के चलते उन्हें जेल में ही रहना पड़ रहा था। 2015 में सलमान खान ने बजरंगी भाईजान फिल्म से हुए मुनाफे की राशि भारत के गरीब किसानों को दान की थी। सलमान खान के 11 साल के पाकिस्तानी फैन सलमान से मिलना चाहते थे। सलमान ने खबर मिलते ही उस बच्चे से मुलाकात की थी। उस बच्चे को क्रिग्लर नज्जर सिंड्रोम नाम की रेयर बीमारी थी, जिसका इलाज दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में चल रहा था।

जब सलमान खान ने लगा दी थी पिता सलीम की सैलेरी में आग

सलमान का ज्यादातर बचपन इंदौर में बीता, जहां सलमान अपने भाइयों के साथ मिलकर खूब बदमाशी करते थे। एक दिन दिवाली मनाते हुए सलमान अपने बड़े भाइयों के साथ कागज जला रहे थे। जब आसपास के सारे कागज खत्म हो गए, तो सलमान कागज ढूंढते हुए अपने पिता के कमरे में पहुंच गए। ड्रॉअर में रखा पिता का नोटों का बंडल उठाया और जलाने ले गए। नन्हे सलमान के लिए ये महज कागज के टुकड़े थे, लेकिन असल में ये सलीम खान के पूरे महीने की सैलेरी थी। उस बंडल में 750 रुपए थे। जैसे ही सलीम खान को पता चला तो उन्होंने गुस्सा करने के बजाए बच्चों को बुलाया और प्यार से पैसों की अहमियत सिखाई।