चीन समेत दुनियाभर में कोरोना ने एक बार फिर से हड़कंप मचा दिया है। चीन में लगातार कोरोना से मरने वालो की संख्या बढ़ रही है। वहां लाशो को चिता देने के लिए भी जगह नहीं बची है। शी जिनपिंग सरकार ऐसे पेश आ रही है जैसे लोगों की जान कोई खिलवाड़ हो। यहां पर इलाज के लिए अस्पताल ओवरफ्लो हैं. हॉस्पिटल बेड्स की तो छोड़िए जमीन पर लेटने की भी जगह नहीं है। श्मशान घाट में लोगों को अंतिम संस्कार करने के लिए लाइनें लगानी पड़ रही है।

जानकारी के अनुसार चीन में जीरो कोविड पॉलिसी हटने के बाद छह महीने में 15 लाख (1.5 मिलियन) लोगों की मौत हो सकती है। चीन में कोरोना ने लोगो का जीना बेहाल कर दिया है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। यह वीडियोज को देखकर सबकी आंखे खुली की खुली रह गयी है। चीन में अब लाशों को ढहने के लिए ताबूत नहीं बचे। उनको प्लास्टिक के कवर में बंद किया जा रहा है। दवाइयों को लिए लंबी-लंबी लाइनें लगी हैं।

जानकरी के अनुसार ये स्टडी 22 दिसंबर को मकाऊ विश्वविद्यालय और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोधकर्ताओं ने प्रीप्रिंट सर्विस मेड्रिक्सिव पर पोस्ट किया था। इसमें कहा गया है कि अगर चीनी स्वास्थ्य अधिकारी कोरोना फैलने से रोक पाए, वैक्सीनेशन में तेजी लाएं और दवाओं की आपूर्ति करते हैं तो ये आंकड़ा दो लाख से नीचे आ सकता है, लेकिन जैसी अभी की स्थिति है वैसा ही चलता रहा तो 15 लाख से ज्यादा मौतें हो सकती हैं। उन्होंने कहा इसके साथ ही कोरोना गाइडलाइंस का सख्ती से पालन भी होना चाहिए जैसे क्वारंटीन, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का उपयोग और डॉक्टर के सलाह के बिना दवाएं लेना।

पिछले तीन वर्षों में चीन इन उपायों के कारण बड़े पैमाने पर संक्रमण दर को कम रखने में सफल रहा है। जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के कैलकुलेटर के अनुसार देश में प्रति व्यक्ति मृत्यु दर दुनिया में सबसे कम है। हालांकि, जैसे-जैसे संक्रमणीय ओमिक्रॉन वैरिएंट प्रभावी होता गया चीन की जीरो कोविड रणनीति अस्थिर होती गई। इस महीने की शुरुआत में अधिकारियों ने प्रकोपों ​​की बढ़ती संख्या और प्रतिबंधों के खिलाफ देशव्यापी विरोध के बीच महामारी पर अंकुश लगाने के लिए जीरो कोविड पॉलिसी फैसले पर यू टर्न ले लिया।

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