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रायपुर। प्रदेश में भानुप्रतापपुर विधानसभा का उपचुनाव निपटते ही बिजली कंपनी एक बार फिर वीसीए की वजह से प्रति यूनिट दर में वृद्धि करने जा रही है। इसके पहले कंपनी ने अक्टूबर, नवंबर में सुरक्षा निधि के नाम पर अतिरिक्त वसूली की थी लेकिन इसका विरोध होने और भानुप्रतापपुर उपचुनाव को देखते हुए कंपनी ने आगामी व्यवस्था तक वसूली स्थगित कर दी थी। अब कंपनी ने अगले दो महीने के बिल में वीसीए के चलते 1.10 पैसे प्रति यूनिट लेने का फैसला किया है।

कंपनी ने विद्युत नियामक आयोग की अनुमति से वर्ष 2022-23 के तृतीय द्वैमासिक अवधि अर्थात् अगस्त और सितम्बर-2022 के दौरान वेरियेबल कॉस्ट एडजेस्टमेंट का निर्धारण किया गया है। अगस्त एवं सितम्बर 2022 के दौरान पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी व्दारा क्रय की गई बिजली की लागत में आयोग द्वारा अनुमोदित दर की तुलना में 549 करोड़ रुपए की सकल वृद्धि हुई है। इस वृद्धि के कारण दिसम्बर – 2022 एवं जनवरी 2023 के दौरान लागू वेरियेबल कॉस्ट एडजेस्टमेंट (वीसीए चार्ज) में 49 पैसे की वृद्धि हो रही है। पूर्व में यह दर 61 पैसे प्रति यूनिट थी, जो अब बढ़कर 1.10 रूपए प्रति यूनिट हो गई है।

इस तरह होती है VCA की गणना

वीसीए की गणना प्रत्येक दो माह में की जाती है। अगस्त एवं सितम्बर 2022 के दौरान वीसीए के कारण डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को खरीदी गई बिजली पर आयोग व्दारा अनुमोदित दर की तुलना में रूपये 549 करोड़ का ज्यादा भुगतान करना पड़ा है। इसमें प्रमुख हिस्सा एन.टी.पी.सी. का 459 करोड़ रूपये है जबकि उत्पादन कंपनी के बिल में आयोग व्दारा अनुमोदित दर की तुलना में लगभग 26.51 करोड़ रूपये की कमी आयी है।

इस अवधि में विभिन्न स्त्रोतों से क्रय की गई बिजली की लागत नियामक आयोग द्वारा अनुमोदित दर की तुलना में वृद्धि हुई है, जो इस प्रकार है। एनटीपीसी 459 करोड़ रुपए, एनटीपीसी-सेल पॉवर कार्पोरेशन 5.74 करोड़, सीएसपीजीएल (नवीकरणीय स्त्रोत) 18.79 करोड़ तथा अन्य संयंत्र (बायोमास सौर, लघु जल, नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र आदि) से 92 करोड़ रुपए वीसीए राशि है। जबकि पॉवर जनरेशन कंपनी (तापीय स्त्रोत) के वीसीए में 26.51 करोड़ रुपए की कमी हुई है। इस तरह सकल वीसीए राशि में वृद्धि 549.01 करोड़ रुपए हो रही है।

वितरण कंपनी के कुल खर्चे का लगभग 85 प्रतिशत खर्चा पॉवर परचेस में व्यय होता है, जो कि ईंधन के रूप में क्रय मूल्य में कमी अथवा बढ़ोत्तरी के कारण घटता-बढ़ता रहता है। वित्तीय वर्ष प्रारंभ होने के पूर्व राज्य नियामक आयोग द्वारा विद्युत दर का निर्धारण कर दिया जाता है और ईंधन की दर में बढ़ोत्तरी होने की स्थिति में विद्युत वितरण कंपनी पर पड़ने वाली अतिरिक्त वित्तीय भार को एक निश्चित फ़ार्मूले के अनुरूप व्हीसीए चार्ज के रूप में समायोजित किया जाता है।

प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को ईंधन की कीमत में वृद्धि होने के कारण आगामी दो माह तक 1.10 रूपए प्रति यूनिट वेरियबल कास्ट एडजस्टमेंट (वीसीए) चार्ज देय होगा। इलेक्ट्रिसिटी एक्ट की धारा 62(4) के तहत् वीसीए चार्ज लेने का प्रावधान है।

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