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राजनांदगांव। डोंगरगांव शहर से सटे वन विभाग के नर्सरी में आग के ढेर में मिले हड्डियों के टुकड़े के मामले में पुलिस को अहम जानकारी मिली है। शुरूआती जांच में हड्डियों के इंसान का होने की पुष्टि होने के बाद पुलिस को दाह संस्कार के संंबंध में पुख्ता सूचना मिल गई है।

मिली जानकारी के मुताबिक नए वर्ष की वजह से नर्सरी में कुछ लोगों ने पिकनिक मनाने के दौरान हड्डियों के टुकड़े देखे। इस बात की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने तत्काल जली हड्डियों को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया। इस बीच हड्डियां मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू करते पता लगाया कि नर्सरी में मिली हड्डियां जैन समाज के एक व्यक्ति की है। उधर हड्डियां मिलने की खबर सुनकर जैन समाज की ओर से पुलिस को विस्तृत जानकारी दी गई है।

अस्थियां खुले में छोड़ने की ये है वजह

बताया गया है कि अगरचंद लोढ़ा की 22 नवंबर को संथारा लेने की वजह से स्वभाविक मृत्यु हो गई। संथारा को लेकर जैन समाज मृत व्यक्ति का दाह संस्कार करने के बाद अस्थियों को खुले में छोड़ने की परंपरा पर विश्वास करता है। इसी के चलते किसी एकांत जगह में हड्डियों को पलटने के रिवाज का पालन किया जाता है। पुलिस के समक्ष जैन समाज ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है।

इस पूरे मामले को लेकर डोंगरगांव शहर में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई थी। एसपी प्रफुल्ल ठाकुर ने बताया कि हड्डियों को लेकर स्थिति साफ हो गई है। जैन समाज द्वारा धार्मिक रिवाज के चलते खुले में हड्डियां छोड़ दी गई थी। इसी के साथ मामले का पटाक्षेप भी हो गया।