विधानसभा

रायपुर। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन भी सदन में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने आज डीएमएफ की राशि में भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष को घेरा। डीएमएफ की राशि से लाइवलीहुड कॉलेज को 18 करोड़ रुपए के भुगतान के मामले में विपक्षी विधायकों ने उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल से सवाल किए। साथ ही विपक्ष के विधायकों ने सदन की कमेटी से जांच कराने की मांग रखी। इसके बाद विधानसभा स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने आसंदी से परीक्षण कराने का निर्देश दिया। इससे विपक्ष के विधायक संतुष्ट नहीं हुए और हंगामा करने लगे।

भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने लाइवलीहुड कॉलेज जांजगीर और रोजगार कार्यालय को तीन साल में भुगतान के मुद्दे पर जानकारी मांगी। मंत्री ने बताया कि लाइवलीहुड कॉलेज में 18.23 करोड़ का भुगतान हुआ है। इसके जरिए 17874 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया है। सौरभ सिंह ने आरोप लगाया कि 300 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया है। उन्हीं के नाम सभी जगह पर हैं। मधुमक्खी प्रशिक्षण के नाम पर 52 लाख रुपए के भुगतान पर भाजपा के सदस्यों ने सवाल किया।

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि पूरे छग में डीएमएफ का सुनियोजित ढंग से दुरुपयोग हो रहा है। आपके हमारे जिले का विषय है। पिछले जांजगीर कलेक्टर ने स्थानांतरण से पहले 30 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ था। उन्होंने पूछा कि क्या मधुमक्खी प्रशिक्षण के मामले में शिकायत हुई है। इस पर मंत्री ने बताया कि दो शिकायतें मिली थीं, जिसमें रिकवरी की तैयारी है। वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर ने डीएमएफ में गड़बड़ी और बंटरबांट का आरोप लगाया तो स्पीकर ने कहा कि वे मंत्री को निर्देश दे रहे हैं कि पिछले पांच साल और इन तीन सालों की जांच कराएंगे।

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