MITAN COLLAG 2

0 शमी इमाम
रायपुर। नगर पालिक निगम रायपुर की महत्वाकांक्षी “मितान योजना” का लाभ यहां के प्रबुद्ध नागरिक तो उठा रहे हैं, मगर एक ऐसा वर्ग भी है जो आज भी जरुरी प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दलालों का सहारा ले रहा है। ऐसे दलाल निगम कर्मियों से मिलीभगत से पैसे लेकर लोगों के प्रमाण-पत्र बड़ी ही आसानी से व्हाइट हाउस में बैठकर ही बनवा रहे हैं। इसी की एक बानगी देखिये इस रिपोर्ट में।

RMC याने RAIPUR MUNICIPAL CORPORATION, जहां आम नागरिकों के जरुरी काम निबट जाया करते हैं। मंगलवार की सुबह यहां बलौदाबाजार से एक बुजुर्ग चंदराम एक सहयोगी के साथ अपने स्वर्गवासी बेटे का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए निगम मुख्यालय व्हाइट हाउस आये हुए थे। TRP NEWS संवाददाता ने देखा कि चंदराम ग्राउंड फ्लोर पर “सहायता” वाले काउंटर पर एक शख्स के साथ चर्चा कर रहे थे। पता चला कि मुन्ना वर्मा नाम का यह शख्स लोगों से पैसे लेकर प्रमाण पत्र बनवाता है। मुन्ना कुछ देर के लिए कार्यालय के अंदर जाता है और वापस आकर बताता है कि साहब आज नहीं हैं, बाबू ने कहा है, फॉर्म भरवा कर रख लो। इस बीच मुन्ना वर्मा बताता है कि प्रमाण पत्र बनवाने के लिए शपथ पत्र लगाना पड़ेगा। इसके लिए वह चंदराम से कुछ पैसे लेता है और निगम कार्यालय के RTI कक्ष में बड़े ही आराम से बैठ कर शपथ पत्र लिखता है। VIDEO :

कर्मचारी समझकर कराते हैं काम

इस बीच संवाददाता के पूछने पर चंदराम ने बताया कि मुन्ना वर्मा यहां का मुंशी बताया जा रहा है। फ़िलहाल मुन्ना ने उसे 300 रूपये देने को कहा है, बाद में और खर्च होंगे। चंदराम ने कहा कि सब जगह खर्च तो होते ही हैं, जिन्हें पढ़ना-लिखना नहीं आता, उन्हें ऐसे लोगों की मदद तो लेनी ही पड़ती है। VIDEO :


तीन माह में मिली PM रिपोर्ट, सब जगह खर्च

चंदराम ने बताया कि उसका बेटा शहर के एक होटल में काम करता था। 3 माह पहले उसने फांसी लगा ली थी। मगर उसका पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट देने में डॉक्टर ने 3 महीने लगा दिए। उसे रिपोर्ट हासिल करने के लिए काफी भटकना पड़ा। चंदराम ने कहा कि सब जगह पैसे खर्च करने पड़ते हैं, मगर एक कांग्रेस नेता से पहचान के चलते उसे पैसे खर्च नहीं करने पड़े। VIDEO :

जन्म प्रमाण पत्र के 3 सौ रूपये…

इस बीच शपथ पत्र बनाकर लौटे मुन्ना वर्मा ने चंदराम से उस पर हस्ताक्षर कराये। तभी इस संवाददाता ने मुन्ना वर्मा से कहा कि उसे जन्म प्रमाण पत्र बनवाना है, कितने पैसे लगेंगे। वर्मा के पूछने पर हमने बताया कि 3 माह हो गए होम डिलीवरी हुई है, तब उसने कई परेशानियां बताई और कहा कि इसके लिए पार्षद से लिखवाना होगा और 5 गवाहों से हस्ताक्षर करना पड़ेगा, ये काम आपको करके लाना पड़ेगा। अगर हमसे काम कराये तो 3 सौ रूपये लगेंगे। VIDEO :

हमारा नाम बहुत चलता है..!

निगम के सहायता काउंटर पर ही खड़े होकर मुन्ना वर्मा बड़ी दिलेरी से बात करता है। अपना नाम बताते हुए वो कहता है कि उसे नीचे से ऊपर के सारे लोग जानते हैं, वो काउंटर पर ही मिलता है। यहां तक कि उसके आमापारा मोहल्ले में भी सारे लोग उसे जानते हैं। कहीं भी उससे मिल सकते हैं। उसने सबसे गंभीर बात मजाक में कही कि लोग तो उसे “महापौर” के PA के नाम से भी जानते हैं। VIDEO :

साहब के सामने भी रखा तर्क

इस स्टिंग के बाद संवाददाता ने निगम में मौजूद अपर आयुक्त अभिषेक अग्रवाल से मुलाकात कर कहा कि निगम द्वारा “मितान” जैसी योजना चल रही है, बावजूद इसके कार्यालय के भीतर दलाल सक्रिय हैं, तब उन्होंने उन्होंने दलाल का नाम जानकर, झट से उसे चपरासी भेजकर बुलवा लिया। यहां मुन्ना वर्मा ने स्वीकार किया कि वह लोगों के प्रमाण पत्र बनवाता है। उसने तर्क दिया कि लोग वैसे भी पैसे खर्च करते हैं, इसलिए वो भी उन्हें पैसे लेकर सहयोग करता है। इस पर अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि अगर आप इस तरह लोगों के काम करते हैं तो यह हमारी “असफलता” है। उन्होंने वर्मा को बड़े ही “प्यार” से समझाया और कहा कि वह निगम परिसर में ऐसे काम न करे। क्योंकि इस तरह की शिकायतें पहले भी आ चुकी हैं। VIDEO :

ऐसे कई दलाल हैं सक्रिय

निगम परिसर में ऐसे ही कई दलालों के सक्रिय होने की जानकारी लोगों ने इस संवाददाता को दी। नगर निगम के महापौर ने कुछ माह पहले ही निगम की “मितान” योजना की शुरुवात की थी। तब बताया गया कि आम लोग अपने प्रमाण पत्र घर बैठे ही बनवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें निगम के संबंधित नंबर पर फोन करना होगा और कर्मचारी उनके घर पर पहुंचकर जरुरी दस्तावेज लेकर प्रमाणपत्र घर पर ही पहुंचा कर देगा, मगर जिस तरह निगम के भीतर ही दलाल सक्रिय हैं उससे इस महत्वाकांक्षी योजना की सफलता पर सवालिया निशान लगता है। मितान योजना का काफी प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है, बावजूद इसके लोग दलालों का सहारा क्यों ले रहे हैं, यह भी यक्ष प्रश्न है।

हजारों लोग उठा चुके हैं लाभ

RMC के अपर आयुक्त अभिषेक अग्रवाल बताते हैं कि अब तक “मितान” योजना का निगम रायपुर क्षेत्र के 8116 नागरिक लाभ उठा चुके हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा वर्ग इस योजना के लाभ से वंचित है जिन्हें इस योजना की जानकारी नहीं है, या फिर बाहर से काम करने की उनकी प्रवृत्ति ही है।

कर्मचारियों की मिलीभगत

मुन्ना वर्मा से बातचीत से इस बात का खुलासा होता है कि उसके इस काम में यहां के कर्मचारियों की मिलीभगत तय है। अन्यथा वह इस तरह खुलेआम लोगों से पैसे लेकर उनके काम नहीं करता। जो शख्स निगम के काउंटर पर ही अपने बारे में खुलकर बता रहा है उसके बारे में कर्मचारियों और जिम्मेदार अधिकारियों को नहीं पता हो, ऐसा हो ही नहीं सकता।

लोग कहते हैं कि इनसे भी बड़े दलाल निगम में सक्रिय हैं, जो सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाला मकान आसानी से दिलवाने का दावा करते हैं। ऐसे लोग इन दिनों काफी सक्रिय हैं। कायदे से ऐसे दलालों पर नकेल कसने की जरुरत है, वहीं आम नागरिकों को भी जागरूक होने की जरुरत है। इसके अलावा निगम के पार्षदों और अन्य जनप्रतिनिधियों को भी अपने इलाके के नागरिकों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए अपनी महती जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

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