SATTA VIDHEYAK

रायपुर। जुआ और सट्टे से निपटने के लिए कैबिनेट द्वारा मंजूर विधेयक को गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने विधानसभा में पेश किया। इसके तहत लॉटरी को छोड़ सभी तरह के द्युत खेल या कारोबार पर रोक रहेगी।

बताया जा रहा है कि अब जुआ में बाजी, या आर्थिक लाभ कमाने ऑनलाइन बाजी लगाने को जुआ माना जाएगा। ताश,पासे, खेलने टेबल, कपड़े रजिस्टर, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मोबाइल एप्लीकेशन को जुआ खेलने के उपकरण माने गए है। इनमें खेलते पाए जाने पर पहली बार में 1-3 वर्ष की जेल, 50 हजार, उसके बाद पकड़ाने पर 2-7 वर्ष, और 1-10 लाख तक अर्थदंड वसूला जाएगा। बताया जा रहा है कि ऐसे मामलों की सुनवाई प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट से नीचे के न्यायाधीश नहीं करेंगे। इस विधेयक के पारित होने पर सरकार नियम बनाएगी इसके राजपत्र में प्रकाशन के बाद लागू किया जाएगा।

गौरतलब है कि प्रदेश में सट्टेबाजी से होने वाली आय को देखते हुए दुर्ग जिले के दो युवकों ने मिलकर सट्टे आनलाइन बैंटिंग का एप महादेव लांच कर दिया। यह इतना पापुलर हुआ कि कुछ ही महीनों में इसने करोड़ों के वारे न्यारे कर लिए हैं। दुर्ग से दुबई तक का सफर तय कर दोनों युवक वहीं से आपरेट कर रहे हैं। हालांकि इस दौरान पुलिस ने पूरे प्रदेश में कार्रवाई करते हुए अब तक सैकड़ों प्वाइंटर और एजेंट्स को गिरफ्तार किया है। अकेले राजधानी पुलिस ने ही 125 से अधिक एजेंट गिरफ्तार कर 14 करोड़ से अधिक रकम का अवैध कारोबार पकड़ा है। कोई कड़ा कानून न होने से सट्टेबाज रिहा होकर फिर से यह धंधा शुरू कर देते हैं। इसी के मद्देनजर यह विधेयक पेश किया गया।

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