रांची। अपने पवित्रतम तीर्थ सम्मेद शिखर को लेकर इन दिनों देश भर में जैन समुदाय आक्रोशित और आंदोलित दिख रहा है। देश में जगह-जगह सम्मेद शिखर को लेकर आंदोलन हो रहे हैं। दरअसल, जैन मतावलंबी अपने प्रमुख तीथ सम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल घोषित किए जाने का विरोध कर रहे हैं। दिल्ली से लेकर मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, इंदौर सहित देश के तमाम हिस्सों में इस मुद्दे को लेकर तीखा विरोध सामने आ रहा है। वहीं झारखंड सरकार जैन समाज के सर्वोच्च तीर्थ सम्मेद शिखरजी को पर्यटन क्षेत्र बनाने पर अडिग है। देशभर में इसके खिलाफ जैन समाज के आंदोनल के बीच राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि पारसनाथ पर्वत क्षेत्र के विकास के लिए इसे पर्यटन क्षेत्र बनाने का फैसला किया गया है।


जैन समाज सम्मेद शिखरजी का पर्यटन क्षेत्र घोषित करने से जुड़ी राज्य सरकार की 2019 की अधिसूचना निरस्त करने की मांग कर रहा है। समाज के नेताओं का कहना है कि क्षेत्र को पर्यटन स्थल घोषित करने से वहां शराब व मांसाहार का सेवन शुरू हो जाएगा, इससे समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी। बढ़ते विवाद के बीच झारखंड के पर्यटन सचिव मनोज कुमार ने कहा कि 2019 की अधिसूचना में राज्य सरकार ने श्री सम्मेद शिखरजी समेत 200 स्थलों को पर्यटन क्षेत्र घोषित किया है। यह कदम प्रशासनिक सुविधा की दृष्टि से उठाया गया है।