ए आर रहमान का जन्म 6 जनवरी 1966 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में हुआ था। आज वे 56 साल के हो चुके हैं।उनका पूरा नाम अल्लाह रक्खा रहमान है। हालांकि उनका असली नाम ‘दिलीप कुमार’ था जो कि उन्हें पसंद नहीं था। अपने संगीत से लोगों के दिलों में बस जाने वाले रहमान को संगीत अपने पिता से विरासत में मिला है। उनके पिता भी संगीतकार थे। अपनी रचनाओं से रहमान ने ना सिर्फ देश में बल्कि दुनिया में भी नाम कमाया और तिरंगे का मान बढ़ाया है। ऑस्कर विनर संगीतकार के बर्थडे के मौके पर हम आपको उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारियां देने जा रहे हैं, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं।

4 साल की उम्र में पिता ने सिखाया पियानो बजाना

ए आर रहमान के पिता आरके शेखर एक फिल्म स्कोर कंपोजर थे। पिता ने 4 साल की उम्र में रहमान को भी पियानो बजाना सिखा दिया। जब रहमान 9 साल के हुए तो उनके पिता गुजर गए। पिता के जाने के बाद परिवार को गरीबी का सामना करना पड़ा। घर चलाने के लिए रहमान की मां उनके पिता के म्यूजिक इंट्रुमेंट्स किराए पर देती थीं। क्योंकि रहमान वो इंट्रुमेंट्स चलाना जानते थे, इसलिए उन्हें भी साथ जाना पड़ता था। इंट्रुमेंट्स ऑपरेट करते हुए उन्हें पहली कमाई के रूप में 50 रुपए मिले थे।

कम उम्र में छोड़ दी थी पढ़ाई

रहमान जब 9 साल के थे तभी उनके पिता का निधन हो गया था। उस समय स्कूल में पढ़ रहे रहमान को परिवार की मदद करने के लिए काम करना पड़ा, जिसकी वजह से वो एग्जाम में भी फेल होने लगे। गरीबी कुछ ऐसी कि पैसों के लिए घरवालों को वाद्ययंत्र तक बेचने पड़े थे।15 वर्ष की उम्र में रहमान को कम उपस्थिति के कारण स्कूल छोड़ना पड़ा था। अपने हुनर को उन्होंने अपना हथियार बनाया और आज दुनिया के तमाम बड़े संगीत स्कूलों में रहमान को पढ़ाया जाता है।

25 साल की उम्र में बार-बार आत्महत्या करने की सोचते थे रहमान

म्यूजिक से जुड़े छोटे-मोटे काम करते हुए 25 साल की उम्र में रहमान अपनी जिंदगी से बेहद निराश थे। वो अकसर आत्महत्या करने के बारे में सोचते थे। हालांकि इसी बीच उन्होंने अपने घर के आंगन में एक छोटा सा रिकॉर्डिंग स्टूडियो बनाया और फिर यहां से उनकी कामयाबी का सफर शुरू हो गया।

मणि रत्नम की नजर पड़ते ही मिली पहली फिल्म

करियर के शुरुआत में उन्होंने कई डॉक्यूमेंट्री के लिए म्यूजिक कंपोज किए। आगे उन्होंने कई एड और जिंगल्स भी बनाए। एक बार टाइटन के लिए बनाए गए उनके एक जिंगल पर साउथ के एक फिल्ममेकर मणिरत्नम की नजर पड़ी। मणि को रहमान का काम इतना पसंद आया कि उन्हें रोजा फिल्म ऑफर कर दी।

1992 में रखा फिल्मी दुनिया में कदम

तमिल फिल्म रोजा से ए.आर. रहमान ने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था। इसके बाद 1992 में सिनेमैटोग्राफर संतोष सिवन ने रहमान को उनकी दूसरी फिल्म योद्धा के लिए साइन किया। बॉलीवुड में म्यूजिक कंपोजर के रूप में उनकी पहली फिल्म रंगीला थी जिसने काफी पॉपुलैरिटी हासिल की।

1995 में आई रंगीला से शुरू हुआ हिंदी सिनेमा का सफर

हिंदी सिनेमा में उनकी पहली फिल्म रंगीला थी। इस फिल्म में उन्होंने आमिर खान, उर्मिला, शैफाली शाह और जैकी श्रॉफ जैसे एक्टर्स के साथ काम किया। इसके बाद रहमान ने ताल, लगान, वन टू का फोर, साथिया, युवा, स्वदेश, रंग दे बसंती, रावण, स्वदेश और रॉकस्टार जैसी फिल्मों में भी काम किया।

इंग्लिश फिल्मों में भी किया है काम

इनकी पहली हॉलीवुड फिल्म एलिजाबेथ- द गोल्डन ऐज थी। इसके बाद उन्होंने स्लमडॉग मिलिनियर, कपल्स रीट्रीट, 127 आर्स, पीपल लाईक अस और पेले जैसी फिल्मों में काम किया है। रहमान ने 2019 में एवेंजर्स:एंडगेम के लिए हिंदी, तमिल और तेलुगु में ‘मार्वल एंथम’ कम्पोज किया था। इसके लिए उन्होंने मार्वल के साथ भागीदारी की थी। रहमान ने रैप के साथ इस ट्रैक को गाया और कंपोज भी किया है।2019 में शुरू हुए शो ‘द वॉयस’ में जज के तौर पर भी रहमान नजर आ चुके हैं। इसके अलावा रहमान ने भारत का पहला यूट्यूब ओरिजिनल ARRived लॉन्च किया।

साउंडट्रैक एल्बम बनाने वाले पहले भारतीय कलाकार बने ए आर रहमान

प्रोड्यूसर के रूप में ए.आर. रहमान की पहली फिल्म 2019 में आई 99 सॉन्ग्स थी। 99 सॉन्ग्स एक म्यूजिकल रोमांस फिल्म है, जिसे ए.आर. रहमान ने खुद लिखा और प्रोड्यूस किया था। ये डॉल्बी एटमॉस तकनीक का इस्तेमाल करने वाली पहली भारतीय साउंडट्रैक एल्बम है और इसे बना कर रहमान इस तकनीक में फिल्म का संगीत एल्बम बनाने वाले पहले भारतीय कलाकार बन गए।

2 बार ऑस्कर अवार्ड जीत चुके है ए.आर.रहमान

ए.आर. रहमान ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अवार्ड जीते हैं। उन्होंने 2 ऑस्कर अवार्ड, 6 नेशनल फिल्म अवार्ड, 15 फिल्मफेयर अवार्ड, 17 फिल्मफेयर साउथ अवार्ड और 2 ग्रैमी अवार्ड जीते हैं। इसके अलावा 2010 में उन्हें पद्म भूषण से भी नवाजा गया था। उन्हें अभी तक कुल 138 अवार्ड मिल चुके हैं।