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रायपुर। प्रदेश के जूनियर डॉक्टर 19 तारीख से हड़ताल पर जा रहे हैं। डॉक्टरों ने मानदेय में बढ़ोत्तरी की मांग की है। उनका कहना है कि पिछले चार सालों से मानदेय में बढ़ोत्तरी नहीं की गई है।

मीडिया से चर्चा में जूनियर डॉक्टरों में बताया है कि वर्तमान में प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों को दिया जा रहा मानदेय अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम है, जिसके लिए पिछले 2 वर्षों से लगातार पत्राचार एवम् बैठक के माध्यम से वृद्धि हेतु प्रस्ताव प्रेषित किए जा चुके है, बावजूद इसके जूनियर डॉक्टर्स को केवल निराशा ही प्राप्त हुई है। विडंबना है कि छत्तीसगढ़ में पोस्ट पीजी बॉण्डेड डॉक्टर्स को न केवल अपनी श्रेणी से कम अपितु अपने से निचली श्रेणी से भी कम मानदेय दिया जा रहा है। यह स्वतंत्र-गणतंत्र भारत में मानवाधिकार के हनन का अनोखा उदाहरण बनता जा रहा है।

जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ प्रेम चौधरी ने बताया कि पूर्व में संचालक, चिकित्सा शिक्षा द्वारा पत्र एक जुलाई 2019 के द्वारा सचिव, छत्तीसगढ़ शासन से जूनियर डॉक्टर्स के मानदेय में वृद्धि का आवेदन किया गया था एवं महंगाई भत्ता के एवज में सामयिक वृद्धि का प्रस्ताव भी रखा गया था। जिसके बाद जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, स्वस्थ सचिव एवं वित्त सचिव से कई बार पत्राचार एवं बैठक के माध्यम से उन्हें समस्याओं से अवगत कराया गया मगर कोई स्थाई हल नहीं निकल पाया है। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि विगत 4 वर्षों से जूनियर डॉक्टर्स के मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की गई है जबकि प्रदेश के हर श्रेणी के कर्मचारियों की शासन द्वारा विभिन्न रूप से वेतन वृद्धि करी जा चुकी है।

मानदेय बढ़ाने की मांग के मद्देनजर शासन द्वारा कोई भी पहल नहीं किये जाने को लेकर राज्य के सभी जूनियर डॉक्टर्स, इंटर्न, बॉण्डेड डॉक्टर्स तथा मेडिकल छात्र काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं, इसी कड़ी में इन डॉक्टरों ने 19 जनवरी से अनिश्चित काल तक सभी कार्यों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। इस हड़ताल से संबंधित अस्पतालों में कामकाज ठप्प होने की आशंका जताई जा रही है।

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