नई दिल्ली। धनशोधन मामले में गिरफ्तार किए गए दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ गिरफ्तार किये गये दो आरोपियों वैभव जैन और अंकुश जैन से  पूछताछ के लिए दिल्ली की एक अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर सुनवाई के बाद अनुमति दे दी है। विशेष लोक अभियोजक एन.के. मट्टा ने ईडी की ओर से अदालत में दलील देते हुए कहा कि जांच के दौरान कुछ नए तथ्य सामने आए हैं और इसलिए उन्हें आरोपी ए-5 वैभव जैन और ए-6 अंकुश जैन से तिहाड़ जेल में आमने-सामने बैठा कर पूछताछ करने की आवश्यकता है।
इस दौरान आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन के वकील ने ईडी की याचिका का कड़ा विरोध किया और कहा कि जो भी नई सामग्री एकत्र की गई है, उसका खुलासा आवेदनों में नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि ईडी का मामला है कि वे अभी भी जांच जारी रखे हुए हैं, तो यह दर्शाता है कि जब शिकायत रिकॉर्ड पर दर्ज की गई थी, तो वह पूरी जांच पर आधारित नहीं थी। इस वजह से आरोपी ए-5 वैभव जैन और ए -6 अंकुश जैन डिफॉल्ट जमानत के हकदार हैं।


विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने दोनों पक्षों की ओर से दलीलें सुनने के बाद कहा, “यह विवाद में नहीं है कि ईडी को पीएमएलए, 2002 की धारा 44 के अनुसार आगे की जांच करने की शक्ति मिली है। मैंने सामग्री और बयानों का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया है। आरोपी ए-5 वैभव जैन और ए-6 अंकुश जैन से आगे की पूछताछ और पीएमएलए, 2002 की धारा 50 के तहत उनके बयान दर्ज करने के लिए एक मामला बनता है। अदालत ने आगे कहा, “आरोपी ए-5 वैभव जैन और ए-6 अंकुश जैन के बचाव पक्ष के वकील का तर्क है कि ईडी को आगे की जांच करने की अनुमति ईडी की ओर से स्वीकार करने के लिए है कि रिकॉर्ड पर दर्ज की गई शिकायत अधूरी है, जिसके हकदार हैं। उसका कारण यह है कि यदि आरोप पत्र में दर्ज रिकॉर्ड में अपराध का संज्ञान लेने के उद्देश्य से पर्याप्त सामग्री है, तो यह एक पूर्ण चार्जशीट है। सिर्फ इसलिए कि ईडी है आगे की जांच कर रहे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि दर्ज की गई शिकायत अधूरी है। अदालत ने ईडी के अधिकारियों को पीएमएलए 2002 की धारा 50 के तहत आरोपी ए-5 वैभव जैन और ए-6 अंकुश जैन से पूछताछ करने और बयान दर्ज करने के लिए नयी दिल्ली स्थित तिहाल के सेंट्रल जेल नंबर 7 में दिनांक 18.01.2023 तथा 19.01.2023 को प्रातः 9.00 बजे से शाम 05.00 बजे तक जेल प्रशासन की मौजूदगी में जाने की अनुमति दी। साथ ही जेल सेंट्रल जेल नंबर 7, तिहाड़ के अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे उक्त अधिकारियों को उक्त तिथियों और समय पर जेल परिसर के अंदर लैपटॉप और अन्य आवश्यक स्टेशनरी सामान ले जाने की अनुमति प्रदान करें।