जोशीमठ। जोशीमठ में मकानों में दरारें पड़ने का सिलसिला अभी थमा नहीं है आज फिर 14 मकानों में दरारें पड़ने की खबरे सामने आई है। इस बीच बिजली संकट के रूप में एक नए मुसीबत ने जोशीमठ के रहवासियों को चिंतित कर दिया है। करीब 70 बिजली के खंभे और कुछ ट्रांसफार्मर झुकना शुरू हो गए हैं। जिससे कारण बिजली संकट पैदा होने की संभावनाएं बढ़ गई है। इस समस्या को देखते हुए जोशीमठ में मौजूद उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के अधिकारी भी एक्टिव हो गए हैं।

उन्होंने बताया कि जोशीमठ शहर में संभावित बिजली आपूर्ति की समस्या से निपटने के लिए काम किया जा रहा है। यूपीसीएल के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार ने बताया कि 33/11केवी क्षमता का एक सब-स्टेशन पानी के रिसाव वाली जगह से लगभग 50 मीटर की दूरी पर स्थित है। उन्होंने बताया कि जोशीमठ में जिस जगह पर सब-स्टेशन स्टेशन है अगर वहां भी जमीन धंसने के हालात पैदा होते हैं तो उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन को करीब 23 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है।

सब-स्टेशन के लिए खोजी दूसरी जगह
अनिल कुमार ने बताया कि नए प्लान के तहत, बिजली विभाग ने जोशीमठ शहर से 6 किमी दूर पीपलकोटी क्षेत्र के सेलंग गांव में जमीन खोज ली है, जहां एक नया सेटअप लगाया जा सकता है। नई जगह पर सब-स्टेशन को शिफ्ट करने में करीब 10 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। इसमें 33 केवी लाइन और 11 केवी फीडर लगाना शामिल है।

उन्होंने बताया कि धंसने की वजह से 60 से 70 बिजली के खंभे और 10 से 12 ट्रांसफार्मर झुक गए हैं, जिससे प्रभावित घरों में शॉर्ट सर्किट का खतरा पैदा हो गया है। हमने वहां पावर सप्लाई जारी रखने के लिए अपने कर्मचारियों को भेजा है।


कुछ घरों की बिजली आपूर्ति रोकी गई
यूपीसीएल के एक अन्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जमीन धंसने के मामलों से पहले शहर में करीब 2500 ग्राहक थे। इनमें घरेलू बिजली और कॉमर्शियल दोनों तरह के कनेक्शन शामिल हैं। इस समय कुछ लोग सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं। उनके घरों और संस्थानों की पावर सप्लाई रोक दी गई है। जो अभी भी घरों में रह रहे हैं, वहां पावर सप्लाई जारी है।