TR

रायपुर। “हर किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य, हर फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य”, संदेश के साथ 26 जनवरी को सुबह 11.30 कृषि उपज मंडी राजिम से किसान तिरंगा ट्रेक्टर रैली निकलेगी, जो नयापारा और राजिम नगर का भ्रमण करेगी।

इस रैली की जानकारी देते हुए अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के उपाध्यक्ष मदन लाल साहू, सचिव एवं छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के देशव्यापी आह्वान पर सभी फसलों और सभी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के लिए दूसरे चरण की किसान आंदोलन की तैयारी है, ताकि किसानों को उनके सभी फसलों या उत्पादों जैसे धान, गेंहू, सब्जी, फल, दूध आदि का बारहों महीने चाहे सरकार खरीदे या व्यापारी खरीदे, सभी जगह न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त हो सके। इसी के मद्देनजर यह ट्रैक्टर रैली निकाली जा रही है।

किसान नेताओं का कहना है कि सभी फसलों और किसानों को बारहों महीने न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारण्टी मिल सके यह सभी किसानों का मूलभूत अधिकार है। कोई भी कंपनी जब अपना माल अथवा सामान तैयार करती है, तो वह बाजार में बेचने के लिए उसका एक अधिकतम खुदरा मूल्य निर्धारित करती है जिसे एमआरपी कहते हैं, इसमें उपभोक्ताओं को लगने वाला टैक्स भी शामिल रहता है। जिस मूल्य पर वस्तु बेचकर कंपनी अपना मुनाफा कमाती है और साथ ही साथ बेचने वाले को भी उनका लाभ मिल जाता है, लेकिन किसानों को अपने उत्पादन किये फसल का मूल्य निर्धारण का अधिकार नहीं है, और तो और जिन फसलों का सरकार स्वयं न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी निर्धारित करती है, वह दाम भी किसानों को प्राप्त नहीं होता है। इसलिए सभी फसलों और सभी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी मिल सके, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गणना स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप उत्पादन लागत से डेढ़ गुना अधिक हो तभी किसानों को लाभ होगा। किसानों को कर्जमाफी का झुनझुना नहीं चाहिए किसानों को पूर्ण कर्ज मुक्ति चाहिए और यह तभी संभव होगा जब किसानों को बारहों महीने उनकी सभी फसलों या उत्पादों जैसे धान, गेंहू, सब्जी, दूध, फल आदि का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले।