HATYA SAHU

धमतरी। कुरूद क्षेत्र अंर्तगत पैरा नदी के पास मिली अधजली लाश की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। 50 वर्ष के बसंत साहू की हत्या उसी के चेले ने की थी। आरोपी ने तंत्र विद्या हासिल करने के लिए पहले अपने गुरु की हत्या की, फिर शव से निकल रहे खून को पिया और लाश को आग के हवाले कर दिया। मामला दर्ज होने के चंद घंटों के भीतर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

लोमश ऋषि के आश्रम के पास मिली थी लाश

पुलिस के मुताबिक, करेली बड़ी चौकी क्षेत्र नवागांव में लोमश ऋषि आश्रम के पास पैरी नदी एनीकेट के किनारे अर्धजली लाश बुधवार को मिली थी। इसकी जानकारी मिलते ही एसडीओपी कुरूद कृष्णा पटेल, फॉरेंसिक टीम सहित थाना पुलिस मौके पर पहुंचे। इस बीच सोमवारी बाजार नयापारा निवासी देवेंद्र साहू ने थाना गोबरा नयापारा पुलिस को जानकारी दी कि उसके पिता बसंत साहू कल दिनांक 31/01/2023 के रात्रि लगभग 8 बजे उसके घर से मान्या चावला के साथ उसके मोटर सायकिल में इलाज कराने के नाम से निकले थे, जो अगली सुबह तक घर वापस नही आये। इसके बाद पुलिस ने आश्रम के नजदीक मिली लाश को देवेंद्र साहू को दिखाया तब उसने शव की पहचान अपने पिता बसंत साहू के रूप में की। मृतक के सिर पर चोट के निशान थे और लाश बुरी तरह से जली हुई थी।

मृतक बसंत साहू

तंत्र-मंत्र सीखने आता था रौनक

एसपी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एएसपी और एसडीओपी कृष्णा पटेल को जांच कर आरोपी की गिरफ्तारी के निर्देश दिए। एसडीओपी कुरूद कृष्णा पटेल के नेतृत्व में पुलिस की टीम जांच में जुटी। इस दौरान पता चला कि मृतक पेंटर के साथ साथ एक तांत्रिक भी था, और अपने चेले देवेन्द्र नगर, रायपुर निवासी रौनक सिंह छाबड़ा उर्फ मान्या छाबड़ा (25 वर्ष) के साथ अक्सर पैरा नदी शमशान घाट के पास तंत्रमंत्र के लिए आया करता था। रौनक उससे तंत्र-मंत्र सीखा करता था।

इस जानकारी के बाद पुलिस ने संदेही रौनक सिंह छाबड़ा उर्फ मान्या छाबड़ा को हिरासत में ले लिया। आरोपी से जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने बसंत की हत्या करने की बात कबूल की। पूछताछ में उसने बताया कि मंगलवार 31 जनवरी को तांत्रिक बसंत साहू सहित चार अन्य लोग नदी किनारे शराब पीने आये। चारों ने यहां पर बैठकर जमकर शराब पी, जिसके बाद दो अन्य साथी वहां से अपने घर चले गए।

गुरु के “ज्ञान” को गुरु पर ही अपनाया

देर रात नदी किनारे तांत्रिक बसंत साहू और रौनक सिंह छाबड़ा ही रह गए थे। इस दौरान रौनक सिंह छाबड़ा को गुरु बसंत द्वारा बताए तंत्र विद्या के बारे में याद आया, जिसमें बसंत ने कहा था कि यदि तंत्र साधना करते हुए किसी व्यक्ति को मारकर जीवित अवस्था में उसके खून को पिया जाये तो तंत्र साधक को शक्तियां प्राप्त हो जाती हैं। आरोपी ने तंत्र विद्या की सिद्धि पाने के लिए अपने गुरु बसंत साहू की ही लाठी-डंडे से मारकर हत्या कर दी। रौनक ने बसंत साहू के जीवित अवस्था मे बहते हुए खून को मिट्टी के दीया एवं काले रंग के मिट्टी के बर्तन में लेकर खून पीकर पीने बाद जीवित अवस्था में मृतक के गुप्तांग मे डंडा डालकर व आग से जलाकर उसकी हत्या कर दी।

घटना के बाद आरोपी अपने घर नयापारा चला गया, मगर वह घर जाने के बाद भी बेचैन था, इसलिए वो आधी रात में उठकर फिर से घटना वाली जगह पर आया और शव को देखा कि वो पूरी तरह जली है या नहीं। इसके बाद फिर से घर जाकर सो गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है। अंधविश्वास के फेर में हत्या की वारदात करने वाला देवेन्द्र नगर, रायपुर निवासी रौनक सिंह छाबड़ा उर्फ मान्या छाबड़ा (25 वर्ष) पढ़ा-लिखा है और कुछ समय पहले ही नयापारा में आकर रहने लगा था। उसे तंत्र-मंत्र की विद्या सीखने का धुन सवार था, मगर अब वह अपने ही गुरु की हत्या के आरोप में जेल में दाखिल होने जा रहा है।

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