Jugalbandi Of Officials-Land Mafia Will Be Revealed - रजिस्ट्री दफ्तर में सरकारी खजाने को क्षति पहुंचाने वाले होंगे बेनकाब
Jugalbandi Of Officials-Land Mafia Will Be Revealed - रजिस्ट्री दफ्तर में सरकारी खजाने को क्षति पहुंचाने वाले होंगे बेनकाब

विशेष संवादाता, रायपुर

अधिकारियों, भूमाफियाओं और रजिस्ट्री अधिकारियों की जुगलबंदी से शासन को ना केवल स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्री व्यय की हानि हो रही है, बल्कि इनकम टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स, कच्चे में लेनदेन की वजह से मनी लांड्रिंग जैसे आर्थिक अपराध को भी बढ़ावा मिल रहा है। अब ऐसे पर जांच कार्रवाई के बाद उप-निरीक्षक पंजीयन ने जिला पंजीयक को सूचित भी करने का आदेश जारी किया है।

जांच आदेश के पश्चात् संलिप्तता पाए जाने वाले दोषी भू माफियाओं और अधिकारियों से वसूली भी होगी। राजस्व और सरकारी ख़ज़ाने को चुना लगाने वालों को बेनकाब एक लोकप्रिय न्यूज़ पोर्टल में किया गया था। किसी खबर का स्वतः ही संज्ञान में लेते हुए उप-महानिरीक्षक पंजीयन द्वारा जिला पंजीयक रायपुर को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है।

बता दें कि जिला पंजीयक कार्यालय में केवल स्टांप और रजिस्ट्री खर्चे की हानि के अलावा इनकम टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स, कच्चे के रकम में अदायगी से मनी लांड्रिंग को भी बढ़ावा मिल रहा है। उदहारण स्वरुप 25 डिसमिल से कम कृषि जमीन को प्लॉट माना जाता है और उसका मूल्यांकन प्लॉट के गाइडलाइन रेट से किया जाता है।

प्लॉट के रेट और कृषि भूमि के रेट में पांच से दस गुना का अंतर रहता है। इसी तरह शहरो में खेती-किसानी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ये नियम निकाला कि अगर क्रेता अपना खेती का रकबा बढ़ाने के लिए अपने कृषि भूमि की बाउंड्री से लगी जमीं को खरीदे, तब 25 डिसमिल से कम बिना लगी भूमि को भी कृषि भूमि मानी जाएगी। लेकिन, नौकरशाहों से लेकर भूमाफिया, इसका खूब फायदा उठा रहे हैं। आलम यह है कि रजिस्ट्री अधिकारियों के जरिये 25 डिसमिल से कम किसी भी जमीन को कृषि भूमि के रेट में धड़ल्ले से रजिस्ट्री किया जा रहा है