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छत्तीसगढ़ में 17 साल से ऊपर के छात्रों का वोटर आईडी बनाने के लिए निर्वाचन आयोग ने खास सुविधा शुरू कर दी है। जिन छात्रों की उम्र 1 अक्टूबर 2023 या पहले 18 साल होने वाली है, ऐसे सभी छात्रों को स्कूल में परीक्षा फॉर्म के साथ निर्वाचन आयोग का फॉर्म-6 भी दिया जा रहा है। छात्र ये फॉर्म भरकर स्कूलों में ही जमा करेंगे। स्कूलों से फॉर्म इकट्ठा करवाकर आयोग संबंधित बीएलओ को भिजवा देगा। सभी का वोटर आईडी यानी मतदाता परिचय पत्र इसके कुछ दिन बाद सीधे घर पहुंच जाएगा।

ऐसा पहली बार होगा कि 18 साल के होते ही युवाओं को सीधे वोट डालने का मिलेगा मौका

छत्तीसगढ़ में 1 जनवरी से 1 अक्टूबर के बीच 18 वर्ष पूरे करने वाले साढ़े पांच लाख छात्र चिन्हित किए गए हैं और यह प्रक्रिया शुरू हो गई है। इनमें से कुछ छात्र 11वीं, 12वीं और कुछ कॉलेज के फर्स्ट ईयर में हैं। ऐसा पहली बार होगा कि 18 साल के होते ही युवाओं को सीधे वोट डालने का मौका मिलेगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस काम के लिए शिक्षा विभाग और कलेक्टरों से हर स्कूल में एक नोडल अफसर बनाने के लिए कहा है।

वोटर हेल्पलाइन ऐप से भी बनवा सकते हैं कार्ड

छात्रों से फॉर्म-6 वहीं जमा करवाएंगे और फॉर्म भरना भी सिखाएंगे। इसके अलावा छात्र वोटर हेल्पलाइन ऐप से भी वोटर कार्ड बनवा सकते हैं। छात्रों को वोटर कार्ड के फायदे भी ये नोडल ऑफिसर ही बताएंगे। दरअसल निर्वाचन आयोग ने पिछले साल इसकी घोषणा की थी कि 1 जनवरी 2023 को जो भी 18 साल के होने वाले हैं, वे भी अपना वोटर कार्ड बनवा सकते हैं।

पहली बार ऐसी पहल

इसके बाद 9 नवंबर से 8 दिसंबर 2022 तक अभियान चलाकर छत्तीसगढ़ में करीब एक लाख ऐसे लोगों के वोटर कार्ड बनाए गए थे। अब विधानसभा चुनाव को देखते हुए छत्तीसगढ़ में पहली बार स्कूलों में निर्वाचन आयोग फॉर्म भेज रहा है।

इस मामले में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले का कहना है कि 1 अक्टूबर तक 18 साल के होने वाले छात्रों का डेटा शिक्षा विभाग से लिया है। इनको परीक्षा फॉर्म के समय ही फॉर्म-6 दिए जा रहे हैं।

वोटर ID से आधार लिंक कराने की दिलचस्प कहानी

प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए वोटर कार्ड में आधार कार्ड के नंबरों को लिंक करना शुरू हो गया है। मगर बहुत कम लोगों को पता है कि इस बड़े और महत्वपूर्ण काम में छत्तीसगढ़ की भी विशेष भूमिका है।

देशभर के 80 करोड़ और प्रदेश के 1.82 करोड़ मतदाताओं के वोटरकार्ड से आधार कार्ड को जोड़ने या लिंक करने की कहानी दिलचस्प है। राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला तब 8-9 साल पहले भारत निर्वाचन आयोग में डिप्टी कमिश्नर थे। उन्होंने ही आयोग को वोटरकार्ड से आधार को लिंक करने का सुझाव दिया था। इस बारे में आयोग ने कई बैठकें की। राजनीतिक दलों के भी सुझाव लिए। काफी जद्दोजहद के बाद फिर इसकी उपयोगिता को देखते हुए सुझाव को मान लिया गया। तब से प्रारंभिक तौर पर वोटरकार्ड व आधार को जोड़ने शुरू कर दिया गया था। तब बहुत कम लोगों के पास आधार हुआ करते थे। अब आयोग ने इसे अधिकारिक रूप से देशभर में लागू कर दिया।