रायपुर– आल इंडिया काउंसिल फोर टेक्निकल एजुकेशन AICTE के सौजन्य से कलिंगा विश्वविद्यालय के टेक्नोलॉजी संकाय के द्वारा ‘एडवांस एप्रोचेस इन प्योर एंड एप्लाइड मैथमेटिक्स’ विषय पर 14 एवं 15 फरवरी को दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।जिसमें देश विदेश के गणित विषय के विद्वान,प्राध्यापक एवं शोधार्थी उपस्थित थें।इस राष्ट्रीय सम्मेलन में 85 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।इस सम्मेलन में स्वीकृत शोधपत्रों का प्रकाशन आईएसबीएन बुक के साथ-साथ स्कोपस और यूजीसी सूची में दर्ज जर्नल में किया जाएगा।

राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.एम.के.वर्मा, कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.आर.श्रीधर, कुलसचिव डॉ. संदीप गांधी,एनआईटी रायपुर के सह प्राध्यापक डॉ शारदा नंदन राव, कलिंगा विश्वविद्यालय के टेक्निकल संकाय के अधिष्ठाता डॉ.सी.पी.जवाहर, छात्र कल्याण प्रकोष्ठ की अधिष्ठाता डॉ.आशा अंभईकर, सम्मेलन के संयोजक डॉ.शुभाशीष विश्वास और डॉ.जी.वी.वी.राव और प्राध्यापकों की उपस्थिति में माँ सरस्वती के प्रतिमा के समक्ष दीपप्रज्वलन और माल्यार्पण से हुआ।

राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रथम दिवस पर मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.एम.के.वर्मा ने ने कहा कि गणित हमारे रोजमर्रा के कार्यों व अन्य महत्वपूर्ण विषयों में विशेष स्थान रखता है। उनका कहना है कि गणित विषय का भंडार प्राचीन काल से हमारी एक समृद्ध धरोहर है और उसका गहन तरीके से अध्ययन कर प्राचीनतम पद्धति एवं मूल्यों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल से ही गणित के ज्ञान को विभिन्न सामाजिक, आर्थिक व वैज्ञानिक क्षेत्रों में प्रयोग मानव कल्याण के लिए किया जा रहा है।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के सह प्राध्यापक डॉ.शारदा नंदन राव ने बीज वक्तव्य प्रस्तुत किया। इस सत्र में कलिंगा विश्वविद्यालय के महानिदेशक डॉ.बैजू जॉन उपस्थित थें। श्री अमित कुमार, डॉ.अविनाश सिंह, श्री दिलदार सिंह टंडन, सुश्री अनु जी.पिल्लै, डॉ.तेजस्विनी प्रधान, डॉ.एम.मलाठी, डॉ.रीतेश कुमार दूबे, डॉ.रोहित कुमार वर्मा, श्री यादवेंद्र कोचर और अनेक शोधार्थियों ने अपने शोधपत्र को प्रस्तुत किया।

दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित पं.रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ.एस.के.पांडे ने शोधार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अनुप्रयुक्त गणित की आधुनिकतम शोधों पर युवाओं को आगे आना होगा। इस विषय में अधिक रुचि व लगन से शोध करें और इस विषय के विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगिता के लिए कार्य करें, ताकि नए नए प्रयोग सामने आ सके। इससे गणित के छिपे हुए तथ्य सामने आएंगे।इस सत्र में संगम यूनिवर्सिटी ,राजस्थान के शोध संकाय के अधिष्ठाता डॉ.राकेश भंडारी ने वक्तव्य प्रस्तुत किया। इसके अतिरिक्त आमंत्रित वक्ता डॉ.पी.पी.मूर्ति और अनेक विद्वानों ने अपने वक्तव्य को साझा किया। इस अवसर पर वर्जिनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी के सह प्राध्यापक डॉ.मोनाली के साथ-साथ देश विदेश से आये हुए अनेक शोधार्थियों ने अपने शोधपत्र को प्रस्तुत किया।

उक्त अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में संयोजक डॉ.शुभाशीष विश्वास और डॉ.जी.वी.वी.राव ने सम्मेलन में उपस्थिति अतिथि एवं शोधार्थियों के साथ समस्त उपस्थित समस्त जन के प्रति धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।कार्यक्रम का कुशल संचालन पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की सहायक प्राध्यापक सुश्री श्रेया शुक्ल द्विवेदी ने किया।तकनीकी व्यवस्था का संचालन कम्प्यूटर साईंस एवं आईटी विभाग के विभागाध्यक्ष श्री ओमप्रकाश देवांगन ने किया।इस सम्मेलन में गणित विभाग के श्री सतपाल पनिका, श्री निगम प्रसन्ना, डॉ.तेजस्विनी, श्री अक्षित लांबा, सुश्री स्वाति अग्रवाल, श्री गौरव ताम्रकार, श्री पवन जायसवाल, श्री कमलेश कुमार यादव, डॉ.वी.सी.झा, डॉ.शैलेष देशमुख, डॉ.शिल्पी श्रीवास्तव, डॉ.अजय कुमार शुक्ल एवं तकनीकी संकाय के समस्त प्राध्यापक एवं विद्यार्थियों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।