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नई दिल्ली। दिल्ली में मेयर के चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने 24 घंटे के अंदर मेयर का चुनाव कराने की अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए हैं, साथ ही यह भी कहा है कि इस चुनाव में नामित सदस्य यानी एल्डरमैन वोट नहीं डाल सकेंगे, क्योंकि उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि पार्टी लगातार एल्डरमैन द्वारा वोटिंग का विरोध कर रही थी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मेयर चुनाव पर उच्चतम न्यायालय के आदेश को ‘लोकतंत्र की जीत’ करार दिया। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि न्यायालय का आदेश यह साबित करता है कि उपराज्यपाल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों “अवैध और असंवैधानिक आदेश” पारित कर रहे थे।

पहली बैठक में कराया जाये चुनाव

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की पीठ ने निर्देश दिया कि दिल्ली के महापौर का चुनाव एमसीडी की पहली बैठक में कराया जाएगा और महापौर के निर्वाचन के बाद वह उपमहापौर के चुनाव की अध्यक्षता करेंगे।

अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘ उच्चतम न्यायालय का आदेश जनतंत्र की जीत। उच्चतम न्यायालय का बहुत-बहुत शुक्रिया। ढाई महीने बाद अब दिल्ली को मेयर मिलेगा। ये साबित हो गया कि उपराज्यपाल और भाजपा मिलकर आये दिन दिल्ली में कैसे ग़ैरक़ानूनी और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे हैं।’’

उच्चतम न्यायालय का आदेश दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से महापौर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की याचिका पर आया है, जिसमें यह चुनाव जल्द से जल्द कराने का अनुरोध किया गया था।

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