नई दिल्ली। मेघालय विधानसभा चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद  चुनाव में जुटे सभी राजनीतिक पार्टियों ने जमकर चुनाव प्रचार किया। चुनाव आयोग के निर्देश पर आज से चुनावी शोरगुल समाप्त हो गया है और नेता घर-घर जाकर जनसंपर्क करेंगे। राज्य में 27 फरवरी को मतदान होगा और परिणाम दो मार्च को आएंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी एफ आर खारकोंगोर ने बताया कि चुनाव प्रचार बिना किसी कानून व्यवस्था की समस्या के समाप्त हो गया। आयोग ने 27 फरवरी को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान कराने की तैयारी कर ली है। कुल 369 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत दांव पर है।


उन्होंने बताया कि कुल 3,419 मतदान केंद्रों पर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे जिनमें से 640 को संवेदनशील, 323 मतदान केंद्रों को अति संवेदनशील और 84 मतदान केंद्रों को अति जोखिम वाले केंद्र के तौर पर चिह्नित किया गया है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 119 कंपनियों को पूरे राज्य में चुनाव के लिए तैनात किया गया है। खारकोंगोर ने बताया कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए 53 पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है जिनमें 20 आम पर्यवेक्षक, 21 व्यय पर्यवेक्षक और 12 पुलिस पर्यवेक्षक शामिल हैं।


एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था की गई है और बांग्लादेश से लगती 443 किलोमीटर सीमा को सील कर दिया गया है ताकि कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न नहीं हो। मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) दोबारा कार्यकाल हासिल करने की कोशिश कर रही है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव जीतने के लिए एड़ी चोटी का बल लगा दिया है।


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने राज्य में चुनाव प्रचार किया है और पार्टी को उम्मीद है कि वह सत्ता पर काबिज होगी। तृणमूल कांग्रेस संगमा सहित कांग्रेस के अधिकतर विधायकों को पार्टी में शामिल कर रातों-रात मेघालय विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई थी।

एनपीपी नीत मेघालय लोकतांत्रिक गठबंधन (एमडीए) के तहत पांच साल सरकार चलाने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अकेले मैदान में है और इस बार विधानसभा में संख्या बल बढ़ने की उम्मीद कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने भाजपा के लिए यहां चुनाव प्रचार किया।

पिछले विधानसभा में जीतने वाले कांग्रेस के सभी विधायकों के पाला बदल लेने के बाद पार्टी को उम्मीद है कि इस बार नए चेहरों के साथ चुनाव मैदान में उसिर स्थिति मजबूत रहेगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने शिलांग में रैली को संबोधित किया था और कहा था कि पूर्वोत्तर राज्य की संस्कृति, और परंपरा को बचाएंगे।
कार्यकर्ता अर्डेंट बसाइवमोइत कीनवगठित वॉइस ऑफ पीपुल पार्टी (वीपीपी) भी मैदान में है और वहखुद को विकल्प के तौर पर पेश कर रही है।

मेघालय विधानसभा में 60 सीटें हैं लेकिन ईस्ट खासी हिल्स जिले की सोहियोंग सीट पर चुनाव यूडीपी के उम्मीदवार एचडीआर लिंगदोह की मौत की वजह से स्थगित कर दिया गया है। सत्तारूढ़ एनपीपी ने 57 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। कांग्रेस और भाजपा सभी सीटों पर लड़ रही है जबकि तृणमूल कांग्रेस ने 58 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं। यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीएफ) के 46 उम्मीदवार मैदान में हैं। वीपीपी 18 और एचएसडीनी 11 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं।