छत्तीसगढ़ विधानसभा

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में अब वेतन विसंगति पर आधे घंटे तक चर्चा होगी। शिवरतन शर्मा के सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष ने वेतन विसंगति से विस्तार से चर्चा कराने की अनुमति दे दी। बता दें कि इससे पहले वेतन विसंगति का मुद्दा आज सदन में खूब गूंजा।

वेतन विसंगति के मुद्दे पर सवाल के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं था। प्रश्नकाल में ये मुद्दा शिवरतन शर्मा ने उठाया। शिवरतन शर्मा ने शिक्षा मंत्री से वेतन विसंगति दूर करने को लेकर सरकार की अब तक की कार्यवाही के बारे में जानकारी मांगी। शिवरतन शर्मा ने पूछा कि वेतन विसंगति को लेकर राज्य सरकार ने जो कमेटी बनायी थी, उस कमेटी ने क्या अपनी रिपोर्ट दे दी है। अगर राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट दे दी है? जवाब में शिक्षा मंत्री ने बताया कि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट अभी तक नहीं दी है। वहीं सहायक शिक्षकों को क्रमोन्नति देने के मुद्दे पर मंत्री प्रेमसाय सिंह ने दो टूक कहा कि शिक्षाकर्मी वर्ग 3 का संविलियन शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक के रूप में हो जाने के कारण शिक्षाकर्मी वर्ग 3 को क्रमोन्नति नहीं दिया जा सकता।

शिवरतन शर्मा ने पूछा कि किन-किन बिंदुओं पर वेतन विसंगति का परीक्षण हो रहा है, जवाब मंत्री ने बताया कि कमेटी की कार्यवाही चल रही है। वेतन विसंगति का मुद्दा काफी विस्तारित था। लिहाजा विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकर्ता शिवरतन शर्मा से कहा कि ये विस्तारित विषय है, इसलिए इस पर आधे घंटे की चर्चा की मांग कर लें। शिवरतन शर्मा ने कहा आसंदी अगर अनुमति दें तो इस पर वो आधे घंटे का चर्चा की अनुमति मांगता हूं। जिसके बाद अध्यक्ष ने आधे घंटे की चर्चा की अनुमति दे दी। इसी बजट सत्र में वेतन विसंगति पर आधे घंटे की चर्चा मंजूर कर दी।

शिवरतन शर्मा ने अपने सवाल में तत्कालीन पीसीसी चीफ के भाषण का उदाहरण देते हुए कहा कि उस वक्त कहा गया था कि वर्ग तीन को इसका लाभ नहीं मिलेगा। शिवरतन शर्मा ने कहा कि 3 महीने में कमेटी को रिपोर्ट देना था, लेकिन 18 महीने बाद भी रिपोर्ट नहीं हुई है। जवाब में मंत्री ने बताया कि कमेटी विसंगति को लेकर भी बनायी गयी है। अगर तय समय में कमेटी में रिपोर्ट नहीं आती है तो उसकी समय वृद्धि भी की जायेगी।

शिवरतन शर्मा ने पूछा कि क्या आदिम जाति विकास मंत्री ये बतायें कि सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति हेतु पिछले तीन सालों में विभाग ने क्या क्या कार्यवाही की है? वेतन विसंगति दूर करने के लिये कब-कब, कौन सी समिति का गठन किया गया था तथा उनको रिर्पोट प्रस्तुत करने की समय-सीमा क्या-क्या थी? (ख) क्या समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत कर दी गयी है? यदि हां तो रिपोर्ट में क्या-क्या बातें कही गयी है तथा समिति में कौन-कौन अध्यक्ष, सदस्य थे? (ग) आदेश क्रमांक/एफ 12- 17/2018/20-2 अटल नगर, दिनांक 07/03/2019 के बिंदु क्रमांक 03 में उल्लेखित क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान में क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गयी है? (घ) क्या घोषणा पत्र में 1998 से कार्यरत शिक्षकर्मी वर्ग – 03 को क्रमोन्नति प्रदान करने की बात कही गयी थी? यदि हां तो क्या उक्त घोषणा पूर्ण कर दी गयी है? यदि नहीं की गयी तो कब तक पूर्ण कर दी जावेगी?

शिक्षा मंत्री ने वेतन विसंगति व क्रमोन्नति पर ये दिया जवाब

आदिम जाति विकास मंत्री (डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ) : (क) विभिन्न विभागों में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन विसंगतियों के कारण वेतनमान में संशोधन करने हेतु प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के संबंध में गठित समिति की बैठक दिनांक 28.11.2022 को मंत्रालय में आयोजित की गई थी। बैठक में निम्न बिन्दुओं की जानकारी चाही गयी थी :- 1. उल्लेखित मांगों के संबंध में संभावित विकल्प। 2. विभिन्न विकल्पों का वित्तीयभार, अन्य प्रभाव। 3. अन्य राज्यों की तुलनात्मक स्थिति। वेतन विसंगतियों के कारण वेतन में संशोधन प्रस्तावों का परीक्षण करने हेतु सचिव स्तरीय समिति का गठन किया गया है। उक्त समिति द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय- सीमा का उल्लेख नहीं है। (ख) जी नहीं। समिति का गठन निम्नानुसार किया गया है :- 1. सचिव, छ.ग. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग (नियम शाखा) – अध्यक्ष 2. उप सचिव, छ.ग. शासन, वित्त विभाग- सदस्य 3. अपर संचालक, वित्त विभाग – सदस्य 4. उप सचिव, छ.ग. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग (कर्मचारी कल्याण प्रकोष्ठ) – सदस्य (ग) जी हां। (घ) शिक्षाकर्मी वर्ग 3 का संविलियन शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक के रूप में हो जाने के कारण शिक्षाकर्मी वर्ग 3 को क्रमोन्नति देने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

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