आज फिल्ममेकर रोहित शेट्टी अपना 49 वां जन्मदिन माना रहे हैं। जब बॉक्स ऑफिस पर बॉलीवुड फिल्में कुछ खास रिस्पांड नहीं कर रही थीं, उस दौर में भी रोहित शेट्टी की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट रहीं। ‘सूर्यवंशी’, ‘सिम्बा’, ‘चेन्नई एक्सप्रेस’, ‘सिंघम’ और ‘गोलमाल अगेन’ जैसी फिल्में बनाने वाले रोहित के पास रेडीमेड सक्सेस रेसिपी है।
11 साल की उम्र में पिता को खोया, रेंट देने तक के पैसे नहीं थे
रोहित लीजेंडरी फाइट मास्टर एमबी शेट्टी के बेटे हैं। इन्हें लोग फाइटर शेट्टी के नाम से भी जानते हैं। रोहित ने बचपन में ही तय कर लिया था की वो फिल्म इंडस्ट्री ज्वाइन करेंगे। वो अपने पापा जैसे बनना चाहते थे। लेकिन 11 साल की उम्र में उनके पिता की मौत हो गई। बिना पैसों के घर का रेंट देना तक मुश्किल था, इस वजह से उन्हें अपनी नानी के घर पर रहना पड़ा। रोहित की मां ने घर चलाने के लिए अंधेरी फिल्म हब में मत्राज स्टूडियो में जूनियर आर्टिस्ट के तौर पर काम करना शुरू किया।
मीडिया इंटरव्यू में रोहित बोले- मेरे पिता अपने टाइम के सबसे कामयाब एक्टर-डायरेक्टर में से एक थे। पापा का जाना मेरे लिए बहुत बड़ा कल्चर शॉक था। मेरे पास कभी किसी चीज की कमी नहीं हुई। मैंने इज्जत, दौलत और शोहरत देखी थी। लेकिन, अचानक सब कुछ खत्म हो गया।
35 रुपए थी पहली कमाई
मीडिया इंटरव्यू में रोहित शेट्टी ने बताया – लोगों को लगता है की क्योंकि मैं फिल्म इंडस्ट्री से हूं इसलिए मेरे लिए फिल्मों में काम करना आसान है। मैंने कई मुश्किल फैसले लिए हैं। कभी-कभी तो सबसे मुश्किल फैसला खाना खाने और काम करने के बीच में किसी एक को चुनना होता था। पहले हम सांता क्रुज में रहते थे, फिर दहीसर शिफ्ट हो गए। वहां मैं अपनी दादी के साथ रहता था। हर दिन पैदल इतना लंबा सफर तय करने की वजह से मुझे रास्ते याद हो गए हैं। अब जब मैं कभी उस तरफ जाता हूं तो मैं खुद ही ड्राइवर को रास्ते बताता हूं।
एक इंटरव्यू में रोहित ने शुरूआती दिनों में आई मुश्किलों को याद करते बताया था कि उनकी पहली सैलरी सिर्फ 35 रुपए थी। रोहित फिल्म के सेट तक पहुंचने के लिए गर्मियों में भी करीब दो घंटे पैद चलकर जाते थे।
कोई प्रोडक्शन हाउस रोहित की फिल्म साइन करने को तैयार नहीं था
फिल्म ‘फूल और कांटे’ अजय देवगन अपना डेब्यू कर रहे थे। रोहित और अजय देवगन की दोस्ती इसी फिल्म के सेट पर हुई। अजय भी एक्शन डायरेक्टर वीरू देवगन के बेटे हैं। इस फिल्म के सेट पर रोहित पहली बार वीरू देवगन से भी मिले जो फिल्म के स्टंट की कोरियोग्राफी कर रहे थे।
अजय देवगन ने ‘दिल क्या करे’ और ‘राजू चाचा’ जैसी फिल्मों के साथ अपना प्रोडक्शन हाउस शुरू किया था। इसके साथ रोहित शेट्टी बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम करते थे। ‘राजू चाचा’ बड़े बजट की फिल्म थी लेकिन ये फिल्म ज्यादा चल नहीं पाई। अजय देवगन को इससे काफी नुकसान हुआ। दो सालों के लिए अजय और रोहित को प्रोडक्शन हाउस बंद करना पड़ा। उन्होंने सारे कर्ज लौटाने के बाद ‘जमीन’ में साथ मिलकर डायरेक्शन किया।
फिल्म ‘गोलमाल’ से बदली किस्मत
2003 से 2006 का टाइम रोहित शेट्टी के लिए एक डायरेक्टर के तौर पर सबसे बुरा समय रहा। रोहित ने गोलमाल की स्क्रिप्ट पर काम करना शुरू किया। काम पूरा हो जाने के बाद भी कोई एक्टर फिल्म में काम करने को तैयार नहीं था। किसी प्रोडक्शन हाउस ने भी रोहित का कॉन्ट्रैक्ट साइन नहीं किया। 2006 में गोलमाल रिलीज होने के बाद रोहित की किस्मत बदल गई। फिल्ममेकर नीरज वोरा ने रोहित को अफलातून नाम का प्ले सुनाया। इस प्ले को रोहित फिल्म में बदलना चाहते थे। उस दौरान धिलिन मेहता की श्री अष्टविनायक सिने विजन नाम की प्रोडक्शन कंपनी ने रोहित शेट्टी और इम्तियाज अली को साइन कर लिया।
गोलमाल फिल्म की रिलीज ने रोहित के नाम के साथ कॉमेडी फ्रैंचाइजी जोड़ दी। इस फिल्म में जो ह्यूमर इस्तेमाल किया गया था वो फैमिली ऑडियंस के साथ भी एंजॉय किया जा सकता था।
80 के दशक के बाद पहली बार किसी ने लगातार सात हिट्स दिए
मनमोहन देसाई के बाद डायरेक्टर रोहित शेट्टी पहले डायरेक्टर हैं जिनकी लगातार सात फिल्में हिट रहीं। इस वजह से रोहित को बॉक्स ऑफिस के प्रेसिडेंट भी कहा जाता है। डायरेक्टर श्याम बेनेगल ने खालिद मुहम्मद डाक्यूमेंट्री में कहा था की रोहित शेट्टी का अपना फिल्म स्कूल है। उनकी तरह फिल्में कोई नहीं बना सकता।