चंडीगढ़। खालिस्तानी समर्थक और कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं । जांच एजेंसियों ने वारिस पंजाब दे के पांच सदस्यों के कई बैंक खातों में 2016 से 7 वर्षों में फैले 40 करोड़ रुपये से अधिक के कथित संदिग्ध लेनदेन का पता लगाया है, जिसका नेता अमृतपाल सिंह फरार है । जांच एजेंसी के एक उच्च अधिकारी ने कहा कि कुछ मामलों में, यह पाया गया कि दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले कुछ लोगों के परिवारों को वित्तीय सहायता देने के नाम पर पैसा प्राप्त किया गया था ।

इसके अलावा उन्होंने बताया कि एक अन्य मामले में जांच के दौरान यह पाया गया कि धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के नाम पर धन प्राप्त किया गया था । सूत्रों ने कहा कि 35 करोड़ रुपये से अधिक अमृतपाल के करीबी सहयोगी दलजीत सिंह कलसी द्वारा प्राप्त किए गए थे, जिन्हें संगठन पर कार्रवाई के तहत गिरफ्तार किया गया था । सूत्रों ने कहा कि जिन वर्षों के लिए अब तक वित्तीय लेनदेन को स्कैन किया गया है, इन व्यक्तियों के मामले अलग-अलग हैं ।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ लोगों को हाल ही में बड़ी मात्रा में पैसा मिलना शुरू हुआ, जबकि अन्य को पिछले कुछ सालों से पैसा मिल रहा था । जांच के दौरान पता चला है कि कलसी, गुरमीत सिंह बुक्कनवाला वारिस पंजाब डे, मोगा के जिला अध्यक्ष, सुखचैन सिंह धालीवाल उर्फ खालसा डब्ल्यूपीडी, बरनाला के जिला अध्यक्ष, गुरप्रीत सिंह डब्ल्यूपीडी, तरनतारन के जिला अध्यक्ष और अवतार सिंह औलख डब्ल्यूपीडी, संगरूर के जिला अध्यक्ष  जांच के दायरे में हैं ।

सूत्रों ने कहा कि इनमें से अधिकांश लेन-देन में पैसा नकद जमा, तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) और एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से प्राप्त किया गया था । सूत्रों ने कहा कि इन लेन-देन में एक और पैटर्न देखा गया, जिसमें बड़ी रकम लगभग 4-5 करोड़ रुपये एटीएम लेनदेन के माध्यम से समय-समय पर निकाली गई थी । सूत्रों ने कहा कि लेनदेन कम से कम 12 विभिन्न देशों से किए गए थे । जांच एजेंसियां अमृतपाल के वित्तीय लेन-देन पर भी नजर रखने की कोशिश कर रही हैं ।