MAHANADI-BHAVAN

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीते 5 माह पूर्व यहां के मंडल-आयोगों में थोक में पदाधिकारियों और सदस्यों की नियुक्तियां हुई थीं। इन्हीं में छग राज्य मदरसा बोर्ड भी शामिल था। घोषणा के बाद लगभग सभी ने पदभार ग्रहण कर लिया मगर मदरसा बोर्ड में अब तक विधिवत तरीके से पदस्थापना के आदेश नहीं हुए हैं। पहले से ही देरी में हुई नियुक्ति के बाद अब महीनों के विलंब से मदरसा बोर्ड का काम प्रभावित हो रहा है।

नियुक्ति में हुई ये त्रुटि…

राज्य शासन द्वारा प्रत्येक मंडल-आयोग के लिए बनाये गए अधिनियम के तहत ही नियुक्ति की जाती है, मगर मदरसा बोर्ड के लिए जब अध्यक्ष और अन्य सदस्यों का चयन किया गया तब उसमें 9 की बजाय 13 का चयन कर लिया गया। नामों की घोषणा के बाद जैसे ही इस बात की जानकारी हुई, उसके बाद से यह नियुक्ति रोक दी गई है।

बोर्ड में इनके नामों की हुई है घोषणा

छत्तीसगढ़ मदरसा बोर्ड में इस बार अध्यक्ष पद पर दुर्ग के अल्ताफ अहमद, उपाध्यक्ष पद पर इरफ़ान सिद्दीकी, सरगुजा के नाम की घोषणा हुई। इसके अलावा सदस्य पद पर अशरफ रोकड़िया, मो. अमजद खान, खलील अहमद, अनवर खान, मो. यासीन, हसन रजा, डॉ. शेख इस्तियाक, तौहीद खान, मुकीम अंसारी, शकील अहमद और शाहीद राईन के नाम शामिल किए गए हैं।

क्या कहता है मदरसा बोर्ड का अधिनियम..?

नया छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद अखंड मध्यप्रदेश में लागू मदरसा बोर्ड अधिनियम – 1998 को ही ग्राह्य कर लिया गया, और इसे ही अक्षरशः लागू कर दिया गया था। इसमें 11 पदेन सदस्यों के अलावा अध्यक्ष और उर्दू, अरबी भाषा के एक-एक विद्वान, सुप्रबन्धित मदरसों के 3 अध्यक्ष और मुस्लिम समुदाय के 3 प्रतिष्ठित समाजसेवी को बतौर सदस्य नियुक्त किया जाना होता है। वर्तमान में शासन ने जो नियुक्तियां की है, उसमें उपाध्यक्ष का भी चयन किया गया है, जबकि अधिनियम में इस पद का सृजन ही नहीं किया गया है। वहीं बोर्ड में 8 की बजाय 11 सदस्यों के नाम की घोषणा कर दी गई है। इस तरह मदरसा बोर्ड में अध्यक्ष समेत कुल 9 की बजाय 13 लोगों की नियुक्ति कर दी गई है।

विभागीय कार्यवाही अधर में लटकी

मंडल-आयोगों में नामों की घोषणा के बाद संबंधित विभागों के द्वारा विधिवत ढंग से नियुक्ति आदेश जारी किया जाता है। चूंकि बोर्ड की बॉडी ही अधिनियम के मुताबिक नहीं बनाई गई है, इसलिए यह सूची फ़िलहाल अटक गई है।

इस संबंध में TRP न्यूज़ ने अध्यक्ष पद के लिए चयनित अल्ताफ अहमद से इस बाबत जानकारी चाही तब उन्होंने बताया कि संख्या अधिक होने के चलते नियुक्ति अटक गई है, मगर उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही त्रुटि सुधार कर नई नियुक्ति कर दी जाएगी। बहरहाल बोर्ड में ज्यादा लोगों को शामिल किये जाने के फेर में सबकुछ उल्टा-पुल्टा हो गया है। अब इसमें किस-किसके नाम हटाए जायेंगे और किसे यथावत रखा जायेगा, इसमें सस्पेंस बना हुआ है। नई सूची और विधिवत नियुक्तियों का सभी को इंतजार है।

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