हैदराबाद। हैदराबाद में साइबराबाद पुलिस ने देश की सबसे बड़ी डेटा चोरी का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। उसके पास 66.9 करोड़ लोगों के डेटा पाए गए। वह लोगों की व्यक्तिगत जानकारी को चुराता था और फिर इसे बेचता था। जानकारी के अनुसार ने आरोपियों ने 66.9 करोड़ लोगों की व्यक्तिगत और गोपनीय जानकारी को चुराया और फिर से इसे बेच दिया। ये डेटा देश के 24 राज्यों और 8 मेट्रोपोलिटन शहरों के हैं।

पुलिस का कहना है कि आरोपी ने एडटेक कंपनियों जैसे बायजूस, वेदांतु से छात्रों के डेटा को चुराया। इसके अलावा आरोपियों ने जीएसटी, कई राज्यों के रोड ट्रांसपोर्ट सिस्टम, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और फिनटेक कंपनियों से डेटा को चुराया। आरोपी के पास देशभर के जीएसटी, आरटीओ, अमेजन, नेटफ्लिक्स, यूट्यूब, पेटीएम, फोनपे, बिग बास्केट, बुकमाईशो, इंस्टाग्राम, जोमैटो, पॉलिसी बाजार, अपस्टॉक्स के ग्राहकों की जानकारी थी। पुलिस ने इस डेटा चोरी की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी के पास 135 श्रेणियों में लोगों की संवेदनशील सरकारी, प्राइवेट, व्यक्तिगत जानकारी है। आरोपी के पास से पुलिस ने दो मोबाइल फोन, दो लैपटॉप बरामद किए हैं।


आरोपी के पास डिफेंस से जुड़े लोगों की भी जानकारी थी। साथ ही उसके पास सरकारी कर्मचारियों, पैन कार्ड होल्डर्स, कक्षा 9,10,11, 12 और वरिष्ठ नागरिकों के भी डेटा था। संवेदनशील जानकारी पाई गई आरोपी के पास से दिल्ली में रहने वाले लोगों के बिजली के ग्राहकों के भी डेटा हैं, डीमैट खाता धारकों की जानकारी, नीट परीक्षा में शामिल छात्रों की जानकारी, इंश्योरेंस होल्डर्स के डेटा, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड रखने वालों के डेटा भी थे। आरोपी फरीदाबाद, हरियाणा में InspireWebz नाम की वेबसाइट के जरिए ऑपरेट करता था और क्लाउड लिंक के जरिए लोगों को डेटा देता था।


किस राज्य के कितने डेटा चोरी आरोपी के पास उत्तर प्रदेश के 21.39 करोड़ लोगों के अकाउंट, राजस्थान के 2 करोड़, पंजाब के 1.5 करोड़, मध्य प्रदेश के 4.50 करोड़, जम्मू कश्मीर के 2 करोड़, मध्य प्रदेश के 1.10 करोड़, आंध्र प्रदेश के 2.10 करोड़, बिहार के 1 करोड़, केरल के 1.57 करोड़, दिल्ली के 2.70 करोड़, हरियाणा के 1 करोड़ लोगों के डेटा हैं। बता दें कि इसी तरह का भंडाफोड़ साइबराबाद पुलिस ने पिछले महीने भी किया था। पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया था। इन लोगों ने 2.55 लाख डिफेंस के लोगों के डेटा और देशभर के 16.8 करोड़ लोगों के डेटा को चोरी किया था।

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