नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने आज सुबह रियूजेबल लॉन्च व्हीकल ऑटोनॉमस लैंडिंग मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। इस मिशन को कर्नाटक के चित्रदुर्ग में वैमानिकी परीक्षण रेंज से किया गया। इस लॉन्च में इसरो के साथ डीआरडीओ और भारतीय वायुसेना ने भी हिस्सा लिया। तीनों के साझा प्रयास से इस मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है। भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉक्टर ने आज सुबह 7.10 बजे अंटरस्लग लोड के रूप में उड़ान भरी। तकरीबन 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर इस हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी।

जिसके बाद आरवी को 4.6 किलोमीटर की डाउन रेंज में छोड़ा गया। इसे भी पढ़ें- रामनवमी विवाद: क्या सासाराम को छोड़कर जा रहे हैं हिंदू? शहर में स्कूल- कॉलेज बंद, जानें कैसे हैं हालात बता दें कि इस मिशन की शुरुआत सात साल पहले 2016 में हुई थी। इसे बहुत ही कम लागत में बेहतर तकनीक के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। इसरो के प्रमुख सोमनाथ ने कहा था कि आने वाले दिनों में अंतरिक्ष मिशन में बड़ी सफलता हासिल करेगा। RLV-TD Hex-01 मिशन की शुरुआत 2016 में की थी।

जबकि RLV LEX की शुरुआत 2019 में हुई थी। यह पूरी तरह से स्वदेशी है। इस मिशन की सफलता से युद्ध के तरीके में काफी बदलाव आएगा। इसरो ने 2030 तक इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।इसरो ने बयान जारी करके कहा कि भारत ने इसे हासिल कर लिया, इसरो और डीआरडीओ ने सफलतापूर्वक रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल ऑटोनोमस लैंडिंग मिशन का सफल परीक्षण किया।

सुबह 7.10 बजे चिनूक हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी। इसके बाद आरएलवी को अपने आप रिलीज किया गया। बाद में इंटीग्रेटेड नेविगेशन की मदद से और गाइडेंस एंड कंट्रोल सिस्टम की मदद से आरएलवी का सफलतापूर्वक 7.40 पर लैंड कराया गया। इसके साथ ही इसरो ने अपने आप खुद से स्पेस व्हीकल की सफलतापूर्वक लैंडिंग कराने में सफलता हासिल की।