बिलासपुर : राहुल गांधी की सदस्यता खत्म होने के बाद पुरे देश के कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश है। जिसे लेकर जगह-जगह प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी कड़ी में रविवार की रात बिलासपुर में मशाल रैली निकली गई। इसी बिच एक बड़ा हादसा होते-होते रह गया। जनसभा के दौरान अचानक मंच टूट गया और उसमें खड़े कांग्रेस नेता गिर गए। हालांकि किसी को ज्यादा चोंट नहीं लगी। मंच टूटने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह दिख रहा है। इस तरह की छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती है। हादसे में चोट भी लग जाता तो कोई बात नहीं है। हम 2023 में दोबारा कांग्रेस की सरकार बनाएंगे और 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी की सरकार को उखाड़ फेकेंगे।

राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त किए जाने के विरोध में बिलासपुर में आज कांग्रेसियों ने लोकतंत्र बचाओ मशाल शांति मार्च रैली निकाली। गांधी चौक से निकली मशाल रैली शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए देवकीनंदन चौक पहुंची। मशाल रैली के समापन होने पर प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम कांग्रेस कार्यकर्ताओ को संबोधित कर रहे थे।

इसी दौरान मंच पर अधिक भीड़ होने से अचानक मंच गिर गया, जिससे प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, प्रदेश प्रभारी चंदन यादव, विधायक शैलेश पांडे जिला अध्यक्ष विजय केसरवानी समेत बड़ी संख्या में स्थानीय नेता मंच से गिर गए। जिससे कई कांग्रेसी नेताओं को चोट भी लगी है। वहीं मोहन मरकाम व सह प्रभारी चंदन यादव बाल-बाल बच गए। मंच गिरने की घटना के बारे में जब प्रदेश अध्यक्ष से सवाल किया गया तो वे बात को टालते नजर आए। इस घटनाक्रम के बाद विपक्ष को अब बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया है और कहीं न कहीं इस हादसे के बाद व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं।

इस हादसे के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि हम लोग कांग्रेस के सिपाही हैं, आजादी की लड़ाई में हमारे अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों ने कुर्बानियां दी थी, 10 से 15 साल जेलों में रहे, इस तरह की छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती है। अगर चोंट लग भी जाता तो कोई फर्क नहीं पड़ता, हमारे कार्यकर्ताओं में उत्साह दिख रहा है। इससे लगता है कि 2023 में फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी और 2024 में लोकसभा चुनाव में मोदी की सरकार को उखाड़कर फेकेंने में सफल होंगे।

छत्तीसगढ़ प्रभारी को हाईकमान का आया बुलावा
PCC चीफ मोहन मरकाम ने बताया कि छत्तीसगढ़़ प्रभारी शैलजा कुमारी को रैली छोड़कर अचानक दिल्ली जाना पड़ा। उन्हें दिल्ली से हाईकमान का बुलावा आया तो उन्हें जाना पड़ा। अगर, उन्हें नहीं बुलाया जाता तो वे रैली में जरूर रहती है और सभा में भी शामिल होती।