
विशेष संवादाता
रायपुर। राज्य के बहुत सारे विभागों में भर्ती करनी है मगर भर्ती अटकी है। रोजगार के अलावा कई शैक्षणिक पद और उसकी सीटों के लिए चयन भी होना है। प्रदेश के युवा आरक्षण बिल को लेकर अब भी उम्मीद से है। लेकिन प्रदेश के सियासतदाओं के एक ही दिन में तीन तरह के बयानों से एक बार फिर युवा दोराहे में खड़ा है। आज एक कार्यक्रम में मिडिया द्वारा आरक्षण बिल के अटकने और उसपर फैसले को लेकर राज्यपाल से सवाल किया गया।
आरक्षण विधेयक का सवाल सुनते ही राज्यपाल बोले-आस्क टू CM और चले गए। उनके इतने गंभीर मामले में दो टूक शब्दों में दिए गए जवाब से सभी हतप्रभ हैं। इस मामले में जब मुख्यमंत्री भूपेश बाघे से पूछा गया तो उन्होंने कहा भाजपा आरक्षण के खिलाफ है। और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने बयान दिया कि जब तक सुप्रीम कोर्ट से आरक्षण पर निर्णय नहीं हो जाता तब तक पूर्व की 50 प्रतिशत या फिर 58 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर भर्तियां शुरू करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री के मुताबिक बहुत सारे विभाग हैं, जिनमें हमें भर्ती करनी है मगर भर्ती अटकी है। चाहे एजुकेशन हो, पुलिस हो, चाहे हेल्थ डिपार्टमेंट हो, एग्रीकल्चर की बात हो, इरीगेशन की बात हो, सब में भर्ती करनी है दूसरी तरफ यह है कि एग्जाम भी होना है। उसमें भी आरक्षण का मामला है, इसलिए फैसला करना चाहिए। मैंने तो प्रधानमंत्री को पत्र लिखा, लेकिन उधर से जवाब नहीं आ रहा है। कुलमिलाकर भारतीय जनता पार्टी आरक्षण के खिलाफ में है।
CM ने आगे कहा- विधानसभा से जो पारित है वो विधेयक राजभवन में अटका है। हमें कृषि महाविद्यालय शुरू करने हैं और भी महाविद्यालय खोले जा रहे हैं। अब हमें भर्ती करनी है, स्टाफ की, असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती करने पड़ेगी लेकिन जब तक कि आरक्षण की बिल लटका हुआ तब तक हम भर्ती नहीं कर पा रहे हैं।
आरक्षण विधेयक पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ वासियों को गुमराह करने की कोशिश के रहे है। उन्हें भी पता है कि जिस विधेयक के ऊपर राज्यपाल के हस्ताक्षर न हुए हो वो विधेयक न तो विधानसभा में पारित हो सकता है न ही नौवीं अनुसूची में शामिल हो सकता है। वो केवल हवा हवाई बातों से जनता को बरगलाने की कोशिश कर रहे है।
बृजमोहन ने कहा कि उनका मानना है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट से आरक्षण पर निर्णय नहीं हो जाता तब तक पूर्व की 50 प्रतिशत या फिर 58 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर भर्तियां शुरू करनी चाहिए। चूंकि कांग्रेस की यह सरकार कंगाल हो चुकी है। इसलिए आरक्षण के बहाने नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। नौकरी न देना पड़े इसलिए यह सब बहाना बना रही है। वे प्रदेश के अनुसूचित जनजाति को अनुसूचित जाति को और पिछड़ा वर्ग को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।