PM's Millets Program Sabotaged - मिलेट्स योजना..भूख..चूक और भर्राशाही का आलम
PM's Millets Program Sabotaged - मिलेट्स योजना..भूख..चूक और भर्राशाही का आलम

विशेष संवादाता

रायपुर। जरूरतमंद स्कूली बच्चों की भूख, अफसरों की भर्राशाही और गंभीर चूक का एक सनसनीखेज मामला सामने आएगा। केंद्र के मिलेट्स प्रोग्राम के इम्प्लीमेंट में कैसे प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारीयों ने बड़ा झोल-झाल किया वह जांच के बाद सामने आएगा। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीयों को जो शिक्षा सत्र के प्रारंभ में मूर्त रूप देना था उसे सत्र के अंत में प्रोग्राम अप्रूवल बोर्ड (PAB) की याद आई है। केंद्र के साथ 17 मई 2022 को ऑनलाइन मीटिंग में सालभर की योजना और फ्लेक्सी मद निर्धारित्त होने के बाद भी चूक की गई।

प्रदेश के स्कूली बच्चों की भूख और उनकी थाली में मिलेट्स के पौष्टिक व्यंजन सत्र के अंत में होने के बाद सत्र के अंत में यानि 30 अप्रेल 2023 में जागे राज्य के अधिकारी, अब 15 दिन में 12 जिलों के स्कूली बच्चों को 30 करोड़ रु. का मिलेट्स फ़ूड परोसने की तैयारी आनन-फानन में करने वाले यह भूल गए हैं कि स्कूलों में बच्चे गर्मी की छुट्टियों में होंगे और शाला नहीं आएंगे। मिलेट्स प्रोग्राम के तहत दूसरी सबसे बड़ी चूक यह की जा रही है कि क्या निर्माता FSSAI के नियमो का पालन करेंगे।

अगर FDA के मापदण्डो के अनुरूप मिलेट्स के उत्पाद तैयार नहीं किया गया ? जल्दबाजी में यदि मिलेट्स उत्पाद से बच्चों के स्वास्थ्य में प्रतिकूल असर पड़ेगा तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ? जितनी जल्दी बच्चों को भूख नहीं लगती उन बच्चों से ज्यादा बजट खर्च करने की हड़बड़ी में प्रदेश के आला अफसर केंद्र का निर्देश भूल गए हैं।

शायद इसलिए भी केंद के निर्देश की धज्जियां उड़ाते हुए प्रधानमंत्री पोषण योजना का लाभ देनें में विलंब किया गया और फिर मिलेट्स की खरीद, उपलब्धता, वितरण के अलावा क्या निर्माता FSSAI के नियमो का पालन करेंगे? वही FDA के मापदण्डो के अनुरूप क्या मिलेट्स के उत्पाद समय में तैयार हो पाएंगे ? फिर गर्मी की छुट्टियां लगने के बाद इस मिलेट्स का लाभ बच्चों से ज्यादा अधिकारी-ठेकेदार सप्लायर उठाएंगे।

यह है मिलेटस योजना

पीएम पोषण योजना के तहत प्रदेश के 12 जिलों की स्कूलों में बच्चों को मिलेट्स से बनी खाद्य वस्तु मध्यान्ह भोजन से पहले या बाद में परोसने की योजना है। सप्ताह में 4 दिन स्कूली बच्चों को मिलेटस देना है। इसके लिए 30 करोड़ रूपये बजट के साथ साथ वार्षिक कार्य योजना है। प्रधानमंत्री पोषण 2022-23 के लिए प्रोग्राम अप्रूवल बोर्ड PAB ने 17 मई 2022 को ऑनलाइन बैठक में मिनिट प्रोग्राम तय किया था। बैठक अंडर सेक्रेटरी अजय कुमार भारत सरकार के हस्ताक्षर से तत्संबंध में छत्तीसगढ़ के स्कूल एजुकेशन के प्रिंसिपल सेक्रेटरी डॉ अलोक शुक्ला को भी ताकीद है।

इन जिलों का चयन

प्रदेश के जिन जिलों में मिलेटस फूड्स का वितरण स्कूलों में किया जायेगा उनमें दुर्ग, गरियाबंद, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, रायगढ़, बलौदाबाजार, नारायणपुर, कोंडागांव, बस्तर, दंतेवाड़ा और कांकेर शामिल है। इन जिलों की स्कूलों के हज़ारों बच्चों को पीएम पोषण योजना के तहत करोड़ों रूपये का मिलेटस फ़ूड दिया जाना है। यह सब शिक्षा सत्र के प्रारम्भ से देना था जिसे विलंब से शुरू किया गया।

जिम्मेदार ये कहते हैं

स्कूल शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव अलोक शुक्ला का इस संबंध में कहना है कि स्कूलों में मिलेट्स वाला पोषक आहार बांटने के लिए पिछले साल ही फंड का आबंटन कर दिया गया था। उन्हें संबंधित DPI’s ने जानकारी दी है कि बच्चों को स्कूलों में मिलेटस फूड का वितरण समय से शुरू हो गया है। मिलेटस प्रोग्राम नियमों से चल रहा है।

हकीकत ये है…

प्रदेश के मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग की जानकारी में भले ही स्कूलों में मिलेट्स फ़ूड का आबंटन शुरू कर दिया गया है, मगर हकीकत कुछ और है। मिलेटस फ़ूड के लिए चयनित जिलों में इस हफ्ते से मिलेट्स फ़ूड के आबंटन की शुरुआत होने जा रही है। इस संबंध में हमने नारायणपुर DEO राजेंद्र झा और गरियाबंद के DEO GS चौहान से चर्चा की। दोनों ने बताया कि उन्हें कुछ दिनों पूर्व ही मिलेट्स फ़ूड बांटे जाने का आदेश मिला है। सी मार्ट के माध्यम से जिले के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में मिलेटस फ़ूड बंटेंगे। DEO राजेंद्र झा ने बताया कि मिलेटस फ़ूड में इस सत्र तक जो भी फंड खर्च होगा उसके बाद बचा हुआ फंड लैप्स हो जायेगा।

सुलगते सवाल

0 पीएम पोषण योजना के तहत बजट, वार्षिक कार्य योजना बनने के बाद क्यों विलंब हुआ

0 PAB की ऑनलाइन मीटिंग में राज्य सरकार के जो अधिकारी थे उनकी भूमिका क्या थी

0 स्कूली बच्चों के पौष्टिक आहार और उन्हें भूखा रखने की चूक का जिम्मेदार कौन कौन हैं

0 केंद्र की सहमति से 12 जिलों में मिलेट्स प्रोग्राम के तहत मान्य मिलेटस फ़ूड दिया जा रहा है?

0 क्या केंद्र की राशि को नियमानुसार खरीद और समय पर बच्चों को मिलेट्स दिया जा रहा है

0 जब स्व-सहायता समूह और वन विभाग से मिलेटस लेना था तो सी-मार्ट की आड़ क्यों ली गई

0 जिस व्यापारी के जरिये योजना का पैसा खर्च कर रहे क्या उसके पास लाइसेंस व उत्पादकता है

0 क्या शिक्षा विभाग 12 जिलों में 30 अप्रेल तक 30 करोड़ रु.का मिलेट्स फूड में खर्च कर लेगा

0 बच्चों को सप्ताह में 4 रोज वह भी मध्यान्ह भोजन से पहले या बाद में मिलेट्स फ़ूड दे पायेगा

0 प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत मिले फ्लेक्सी मद की राशि 30 करोड़ रु. के निर्देशों की अनदेखी की गई 

0 स्कूलो में ग्रीष्म कालीन छुट्टी में छात्रों को कैसे वितरण किया जाएगा

0 क्या निर्माता FSSAI के नियमो का पालन करेंगे

0 FDA के मापदण्डो के अनुरूप क्या मिलेट्स के उत्पाद तैयार होंगे

0 यदि मिलेट्स उत्पाद से बच्चों के स्वास्थ्य में प्रतिकूल असर पड़ेगा तो जिम्मेदार कौन होगा