रायपुर। छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग में FL-10 लाइसेंस को लेकर जुगत शुरू हो चुकी है। इस संबंध में आज महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में एफएल 10 लाइसेंस को लेकर मंथन किया गया। इस बैठक में एपी त्रिपाठी और आईएएस निरंजन दास भी मौजूद रहे।

क्या है एफएल-10 लाइसेंस

एफएल-10 लाइसेंस प्राप्त कंपनियां बाजार से शराब खरीद कर सरकार को सप्लाई करती हैं। ये खरीदी के अलावा भंडारण और ट्रांसपोर्टेशन का भी काम का अधिकार इस लाइसेंस के तहत कंपनी को मिलता है।

जानें कितने प्रकार के होते हैं बार लाइसेंस

मार्च 2020 से प्राइवेट कंपनियां कर रही हैं शराब की खरीदी

बता दें कि इससे पहले बाजार से शराब खरीदने की जिम्मेदारी बेवरेज कॉर्पोरेशन ऑफ छत्तीसगढ़ के पास थी। मगर मार्च 2020 में इस संस्था से शराब क्रय करने के सारे अधिकार 3 प्राइवेट संस्था को दे दिए गए थे। यानी कि अब प्राइवेट कंपनी ही बाजार से शराब खरीद सकेगी। भंडारण और ट्रांसपोर्टेशन का काम बेवरेज कॉर्पोरेशन ऑफ छत्तीसगढ़ करेगी। एक बड़े भ्रष्टाचार की शुरूआत यहीं से होती है। दरअसल सूत्रों की मानें तो इस बार भी पिछली कंपनियों को ही ठेका दिये जाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। बता दें कि पुरानी कुछ कंपनियां झारखंड में पहले ही ब्लैक लिस्टेड हो की जा चुकी हैं। वहीं एक कंपनी ब्लैक लिस्टेड है साथ ही कंपनी के खिलाफ राजधानी रायपुर के तेलीबांधा थाने में 420 का केस भी दर्ज है।

ऐसे में इनमें से कुछ कंपनियों ने नाम बदलकर एफएल-10 लाइसेंस लेने की प्रक्रिया में भाग लिया है। सूत्रों की मानें तो विभाग ने इन कंपनियों को पुनः लाइसेंस देने की तैयारी भी कर ली है।

ये हैं पुरानी कंपनियां

1. दृष्टी वेंचर्स ( Drishti Ventures )
2. ओम साई बेवरेजस (Om Sai Beverages)
3. नेक्स्ट जेन (Next Gen)

बॉटलिंग यूनिट पर बनाया जा रहा दबाव !

किसी भी ठेका कंपनी को एफएल-10 लाइसेंस प्राप्त करने के लिए शराब निर्माता कंपनियों ( बॉटलिंग यूनिट ) से कंसर्न लेटर लेना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में विभाग द्वारा बॉटलिंग यूनिट पर दबाव बनाया जा रहा है। ताकि पुरानी ही कंपनियों को कंसर्न लेटर आसानी से मिल जाए। साथ ही विभाग द्वारा ऐसे टर्म्स एंड कंडिशन बनाए जा रहे हैं जिसके चलते अन्य कंपनियां अपने आप ही इस रेस से बाहर हो जाएं।

Hindi News केलिएजुड़ेंहमारेसाथहमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू
पर