HIGH COURT

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बाल कल्याण समिति (CWC) की सदस्य वर्षा मिश्रा के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट में दाखिल चार्जशीट को रद्द और प्रकरण समाप्त करने को लेकर दायर की गई याचिका खारिज कर दी है।

मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस ने सन् 2018 में सरकंडा की अनीता बंजारा की शिकायत पर वर्षा मिश्रा के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट की धारा 3 (1) (आर) के तहत अपराध दर्ज किया था। फरवरी 2019 में आरोपी को कोर्ट से जमानत मिल गई थी। उसके बाद एट्रोसिटी स्पेशल कोर्ट में 20 जनवरी 2023 को पुलिस ने आरोपी के खिलाफ चार्ज शीट दायर की। इसके खिलाफ आरोपी वर्षा मिश्रा ने हाई कोर्ट में क्रिमिनल रिट पिटिशन लगाई। कोर्ट में उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ शिकायत झूठी और मनगढ़ंत है। पुलिस की चार्ज शीट और कोर्ट में चल रहा प्रकरण निरस्त किया जाए। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस संजय के अग्रवाल की बेंच ने याचिकाकर्ता और राज्य शासन का पक्ष सुनने के बाद पिटीशन खारिज कर दी।

रद्द की जा सकती है सदस्यता

गौरतलब है कि बाल कल्याण समिति का सदस्य नियुक्त करने से पूर्व आवेदक का पुलिस वेरिफिकेशन भी होता है। यदि आवेदक के खिलाफ कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज होता है, तो उसे सदस्य के रूप में नियुक्ति नहीं दी जाती। इस प्रकरण में वर्षा मिश्रा को जब बिलासपुर जिले में बाल कल्याण समिति का सदस्य नियुक्त किया गया तो उनके खिलाफ अपराध दर्ज किया जा चुका था। चूंकि कोर्ट ने भी FIR रद्द करने से इंकार कर दया है, इसलिए अब वर्षा मिश्रा की सदस्यता खतरे में पड़ गई है।

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