पटना। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार केंद्र में गैर भाजपाई सरकार बनाने के लिए इन दिनों सभी विपक्षी दलों को एक जुट करने की कवायद में जुटे हैं और विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं से मुलाकात कर आगामी चुनाव की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं। सीएम नितीश कुमार ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मेरा कोई निजी एजेंडा नहीं है, यह सबके फायदे के लिए है। उन्होंने कहा कि मैं अपने लिए कुछ नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सबको एकजुट करना क्योंकि एकजुट होंगे तभी ये देश सुरक्षित होगा। आजकल आप देख रहे हैं कि क्या हो रहा है।


बिहार के मुख्यमंत्री ने जाति आधारित जनगणना को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना सब लोगों के राय से तय हुआ है ये सबके हित के लिए हो रहा है लेकिन मुझे समझ में नहीं आ रहा इसका विरोध क्यों हो रहा है…इसका मतलब लोगों को मौलिक चीज़ों की समझ नहीं है। उन्होंने कहा कि ये पहले अंग्रेज़ों के जमाने से तो होता ही था, ये 1931 से बंद हुआ। इससे पहले नीतीश कुमार अपने गृह जिला नालंदा से 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावनाओं के संबंध में पूछे गए सवालों को बड़े ही आसानी से टाल गए। नीतीश की पार्टी, हालांकि, सीट को बरकरार रखने में सक्षम रही है। मौजूदा सांसद कौशलेंद्र कुमार, जो लगातार तीसरी बार अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं।

पिछले साल नीतीश के राजग से बाहर होने के परिणामस्वरूप बिहार में सत्ता गंवाने वाली भाजपा नीतीश की राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव जैसे कद्दावर विपक्षी नेताओं के साथ मुलाकात करने से भड़की हुई है और उसने स्पष्ट रूप से दावा किया है कि 2024 में प्रधानमंत्री पद के लिए कोई रिक्ति नहीं है। अटल बिहारी वाजपेयी नीत सरकार में महत्वपूर्ण विभागों का प्रभार संभालने वाले नीतीश 2024 में प्रधानमंत्री पद के लिए उनकी उम्मीदवारी के अटकलों पर स्पष्ट कर चुके हें कि उनकी ऐसी कोई  महत्वाकांक्षा नहीं है।