टीआरपी डेस्क। कर्नाटक चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला है। पार्टी ने विधानसभा की 224 सीटों में से 136 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि, बीजेपी बुरी तरह से हार गई। बता दें कि कर्नाटक चुनाव की रणनीति कांग्रेस पार्टी के नए प्रशांत किशोर सुनील कानुगोलू ने तैयार की थी।

कर्नाटक मे ऐतेहासिक जीत के बाद सुनील को मध्य प्रदेश की भी जिम्मेदारी दे दी गई है। अब वह एमपी में कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए मजबूत रणनीतियां तैयार करेंगे।

कर्नाटक में जन्मे सुनील कानुगोलू की परवरिश चेन्नई में हुई है। चेन्नई से प्रारम्भिक शिक्षा लेने के बाद हायर स्टडी के लिए सुनील अमेरिका चले गए। उन्होंने फाइनेंस और एमबीए में मास्टर्स की डिग्रियां हासिल की हैं। करियर के तौर पर उन्होंने मैनेजमेंट कंसल्टिंग कंपनी मैकेंजी को ज्वाइन किया। 2009 में उन्होंने अमेरिका से लौट कर राजनीति के क्षेत्र में एक रणनीतिकार के रूप में कदम आगे बढ़ाए।

पहले उन्होंने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ काम किया और पीएम नरेंद्र मोदी के अभियान के लिए रणनीति तैयार करने में मदद की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान सुनील नरेंद्र मोदी के चुनावी अभियान का अहम हिस्सा रहे। उन्होंने भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश, गुजरात हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के चुनावी अभियानों के लिए रणनीति तैयार की। जहां भाजपा ने इतिहास रचा। प्रशांत किशोर से अलग होने के बाद उन्होंने चुनावी अभियानों के लिए माइंडशेयर एनालिटिक्स नाम से एक नई कंपनी की शुरुआत की।

बता दें कि, कांग्रेस ने बीते साल मार्च 2022 में सुनील कानुगोलू को बतौर चुनावी रणनीतिकार पार्टी में जगह दी थी। कांग्रेस ने पिछले साल मई में 2024 के लिए एक टास्क फोर्स की स्थापना की है। इसमें चुनावी रणनीतिकार सुनील कानुगोलू को सदस्य के रूप में शामिल किया गया। बेजेपी के अलावा सुनील कानुगोलू DMK, AIADMK के साथ भी काम कर चुके हैं।

अब मध्य प्रदेश के लिए तैयार करेंगे रणनीति

कर्नाटक में जीत के बाद कांग्रेस ने अब कानूनगोलू को मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है। ज्योतिरादित्य सिधिंया के भाजपा पार्टी में शामिल होने के बाद से भाजपा सरकार कई गुटों के कारण आंतरिक लड़ाई से जूझ रही है, इसलिए ही सुनील कानुगोलू को मध्य प्रदेश की कमान सौंपी गई है। भाजपा सरकार की विफलता की पहचान करने का काम भी कानुगोलू को सौंपा गया है।

कानुगोलू ने राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो यात्रा में भी अहम रोल निभाया था। यात्रा पिछले साल 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू की गई थी। पार्टी नेताओं के मुताबिक, ज्यादातर पर्दे के पीछे रहने वाले कानुगोलू ने दक्षिणी राज्य की प्रत्येक विधानसभा सीट के लिए रणनीति तैयार की थी। कर्नाटक चुनाव में भी हर विधानसभा के लिए इन्होंने अलग-अलग रणनीति के तहत काम किया था।

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