Telegram-Signal is the first choice of leaders & officers- गुफ्तगू के लिए VIP को फेस टाइम, सिग्नल, टेलीग्राम पर एतबार
Telegram-Signal is the first choice of leaders & officers- गुफ्तगू के लिए VIP को फेस टाइम, सिग्नल, टेलीग्राम पर एतबार

विशेष संवादाता

रायपुर। एक चर्चित हिंदी फिल्म का गाना धीरे धीरे बोल, कोई सुन ना ले.. सुन ना ले, कोई सुन ना ले आज के नौकरशाहों और सियासतदाओं पर फिट बैठता है। इस गाने के बोल उस वक्त छुप छुप कर प्रेम करने वालों के लिए हिदायत जैसा था। लेकिन, अभी के वक्त धीरे बोलने के साथ कोई इन VIP की आपसी गुफ्तगू ना सुने इसके लिए तकनीक इस गाने की तरह सहारा बन गया है। इस सारी कवायद की खास वजह है ED, CBI और IB जैसी सेन्ट्रल जांच एजेंसियों से खुद को बचाना।

बता दें आपसी लेनदेन और गोपनीय वार्तालाप मोबाइल से होता है। सारी गड़बड़ियां भी मोबाइल के मिलने से खुल भी जाती हैं। इसलिए पहले नार्मल कॉल फिर वाट्सअप कॉल और मेसेज लोगों के बीच संवाद-संपर्क का जरिया था, लेकिन जांच एजेंसियों इन तक आसानी से पहुंच गई। वर्तमान में सेन्ट्रल एजेंसियों ने वाट्सअप चैट्स, मेसेज और कॉल तक रिकवर कर कई मामलों से पर्दा भी उठाया है। ऐसे में सुधरने की बजाये पॉलिटिशियन्स, IAS और IPS अब सुरक्षित तकनीक में यूज़ टू हैं। ताकि कभी पकड़ाएं भी तो कॉल, चैट्स और अन्य गोपनीय प्रमाण जांच एजेंसियों के हाथ नहीं लगे। इसलिए मोबइल तोड़कर फेंकने का चलन बढ़ा है।

इस एप को VIP समझते हैं महफूज़

बड़े लोगों की बड़ी बातें हों या फिर धन्ना सेठों के बीच करोड़ों का लेनदेन सभी तीन सुरक्षित एप से होती हैं। अधिकारी, राजनेता और कारोबारियों के सेल फोन में टेलीग्राम, सिग्नल के अलावा फेस टाइम मोबाइल एप डाऊनलोड है। तीनों एप के जरिये की गई बातचीत सुरक्षित होने की खुशफहमी VIP को है। फिर इनके पास i PHONE भी इनकी कारगुज़ारियों में पर्दा डालने वाला एक अहम् डिवाइस बन गया है।

सिग्नल, फेस टाइम और टेलीग्राम क्यों

दरअसल इन तीनों मोबाइल एप विदेशों से मेंटेन होता है। इसका उपयोग करने वालों में से अगर किसी की चैट्स, कॉल डिटेल देखना एजेंसियों के लिए आसान नहीं और टेपिंग और भी मुश्किल है। जैसे टेलीग्राम का डाटा रूस से कंट्रोल होता है। इसी तरह सिग्नल एप कैलिफोर्निया और फेस टाइम भी USA से नियंत्रित होता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि फेस टाइम तो सिर्फ एप्पल टू एप्पल ही कनेक्ट होता है। आई-फोन सीरीज के मोबाइल को भी इन्क्रिप्टेड करना आसान नहीं। बताते हैं कि फेस टाइम एप सबसे सुरक्षित इसलिए भी है क्योंकि इसमें उपयोगकर्ता का E-MAIL ID भी G-MAIL से है तो एक्सेप्ट नहीं करता। निजी बातचीत और मेसेज वाट्सएप में अभी सुरक्षित नहीं इसलिए लोगों की पसंद उक्त तीनों एप है। शायद इसलिए भी जल्द ही वाट्सएप भी खुद का प्राइवेट चैट सिस्टम लांच करने की तैयारी में है।

बड़े लोगों की पहली पसंद आई फोन

लोगों में आई फोन के लिए जो दीवानगी है वह कई कारणों से है। वर्तमान में आला ओहदेदार से लेकर कारोबारियों के हाथों में महंगे आई फोन ही हैं। आई फोन 7 से लेकर अभी आई फोन 14 मॉडल बाजार में है। जल्द ही i PHONE 15 भी लांच होने वाला है। बताते हैं कि इसमें भी लोग अपना डाटा सुरक्षित रखते हैं और अगर किसी से इसे महफूज़ रखना हो तो फोन को लोग तोड़ या जलाकर नष्ट कर देते हैं, बाद में मुसीबत टालते ही नए फोन में ID डालकर सारा डाटा रिकवर भी कर लेते हैं। मोबइल तोड़कर फेंकने का चलन बढ़ा है।