टीआरपी डेस्क। भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ वकील कल्पथी वेंकटरमण विश्वनाथन को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर शपथ दिलाई। बता दें कि दोनों जजों के आने से शीर्ष अदालत में 34 न्यायधीशों की संख्या स्वीकृत शक्ति के बराबर हो गई है।

नवनियुक्त कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के दो नए न्यायाधीशों की नियुक्ति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारत के माननीय राष्ट्रपति, भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश के साथ परामर्श के बाद, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता केवी विश्वनाथन को नियुक्त करते हुए प्रसन्नता हो रही है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम ने दो दिन पहले ही इन दो नामों की सिफारिश केंद्र के पास भेजी थी, जिसे सरकार ने गुरुवार को मंजूरी दे दी थी।

सुप्रीम कोर्ट में जज बनने वाले न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा छत्तीसगढ़ से पहले जज हैं। सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति से पहले जस्टिस मिश्रा आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवारत थे। इसके पहले उन्होंने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया है।

जस्टिस प्रशांत मिश्रा के साथ शपथ लेने वाले कल्पथी वेंकटरमण विश्वनाथन बार से सीधे नियुक्त होने वाले सुप्रीम कोर्ट के केवल 10वें न्यायाधीश हैं। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की सेवानिवृत्ति के बाद 11 अगस्त, 2030 को केवी विश्वनाथन भारत के मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं। ऐसा होने पर वह एसएम सीकरी, यूयू ललित और पीएस नरसिम्हा के बाद सीधे बार से नियुक्त होने वाले भारत के चौथे मुख्य न्यायाधीश भी होंगे।

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