SATTEBAJ SIPAHI

भिलाई/ दुर्ग। जिले के वैशाली नगर थाने में पदस्थ आरक्षक उपेंद्र कुमार तिवारी का एक VIDEO सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह ऑनलाइन सट्टे में कमीशन के लेन-देन की बात कर रहा है। दुर्ग जिले में सट्टे के खिलाफ सबसे ज्यादा अभियान चलाया गया और इसी जिले के आरक्षक का इस तरह का वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। इस मामले के उजागर होने के बाद दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने आरक्षक उपेंद्र कुमार तिवारी को सस्पेंड कर दिया है।

ऑनलाइन सट्टा एप का पैनल चलाने की बात उजागर

आरक्षक उपेंद्र तिवारी वैशाली नगर थाने में पदस्थ था। उसका जो वीडियो वायरल हुआ है उसमें उपेंद्र किसी रोशन का नाम ले रहा है। वो उसे गाली देते हुए प्यादा बता रहा है। इसके साथ ही वीडियो में वो जिस व्यक्ति से बात कर रहा है उसे देखकर ऐसा लग रहा है कि वो भी ऑनलाइन सट्टा एप का पैनल चलाता है। एसपी ने सिपाही को तो सस्पेंड कर दिया, लेकिन ये दोनों व्यक्ति कौन है अब तक कोई पता नहीं चला है, न ही इनके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है।

एसपी द्वारा जारी किया सस्पेंशन आर्डर

वायरल वीडियो में उपेंद्र यह कहता दिख रहा है कि मैं 11 पर्सेंट में काम कर रहा था। उसमें एक पर्सेंट दे रहा था। दिवाली ऑफर में 5 पर्सेंट प्लस आना था। प्यार से मांगने पर पूरा बुक दे दूंगा, लेकिन बिजनेस के हिसाब से बात करोगे तो ठीक नहीं है। वीडियो में उपेंद्र यह भी स्वीकार कर रहा है कि उसी के रूम में गेम चल रहा है। इस वीडियो के वायरल होते ही पुलिस हरकत में आई। फ़िलहाल उसे सस्पेंड कर दिया गया है।

सूचनाएं लीक करने का भी आरोप

आरक्षक उपेंद्र तिवारी के खिलाफ इससे पहले पुलिस विभाग की गोपनीय सूचनाएं लीक करने का आरोप लग चुका है। ऐसे ही मामले में उसके खिलाफ जांच भी चली। जानकारी के मुताबिक जांच में पाया गया है कि पुलिस जिस भी आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने वाली होती, उसे उपेंद्र पहले ही जानकारी देकर वहां से भगा देता था।

सिपाही रहते करोड़ों की संपत्ति बनाई

सूत्र बताते हैं कि उपेंद्र कुमार तिवारी पर केवल ऑनलाइन सट्टा चलाने का ही आरोप नहीं है, बल्कि उसके तार हवाला से भी जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। एक सिपाही रहते हुए उसने करोड़ों की चल अचल संपत्ति बनाई है। बहरहाल इस आरक्षक के बारे में कोई पता नहीं चल सका है। माना जा रहा है कि पुलिस देर-सबेर उसे गिरफ्तार करेगी, क्योंकि वह जिस अंदाज में बात कर रहा है उससे उसकी सट्टे ही नहीं बल्कि अन्य आपराधिक कृत्यों में भी मिलीभगत नजर आ रही है।

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