DONDILAHARA THANA

बालोद। जिले के डौंडीलोहारा थाना क्षेत्र के चार शिक्षक एक ही तरह की का शिकार हो गए। इन शिक्षकों के नाम पर दो एजेंटो ने भारतीय स्टेट बैंक शाखा डोंडीलोहारा का क्रेडिट कार्ड बनवाया और उसका खुद ही इस्तेमाल करने लगे। मोबाइल पर मैसेज आने के बाद शिक्षकों को ठगी का अहसास हुआ और फिर पुलिस में दोनों आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज किया गया।

चारों मामलों में एक ही FIR दर्ज

बालोद जिले के डौंडीलोहारा थाने में 4 शिक्षकों के साथ हुई ठगी का प्रकरण इन्हीं में से एक शिक्षक सुखराम ठाकुर की ओर से दर्ज किया गया। सुखराम ठाकुर ने पुलिस को बताया कि वे शा. हाई स्कूल कर्रेगांव जिला बालोद में व्याख्याता के पद पर पदस्थ हैं। वर्ष 2021 के दौरान सुरेन्द्र कुमार साहू व जीवन लाल चन्देल द्वारा मुझे फोन कर बैंक क्रेडिट कार्ड बनवाने बार-बार प्रलोभन दिया जा रहा था, उनके झांसे में आकर भारतीय स्टेट बैंक शाखा डौण्डीलोहारा आकर उनसे संपर्क कर उनके बताये अनुसार अपना आधार कार्ड, पेन कार्ड व पास बुक की फोटो कापी दिया था, तब वह क्रेडिट कार्ड से संबंधित फार्म को भरवाकर मुझसे हस्ताक्षर करवाया था। लगभग 2 महिने पश्चात नवम्बर माह में डाक से मेरे पास बैंक का बना हुआ क्रेडिट कार्ड प्राप्त हुआ फिर मेरे द्वारा लगभग 4 महिनो तक क्रेडिट कार्ड का उपयोग नहीं किया गया था।

बंद करवाने के नाम पर ले गए क्रेडिट कार्ड, फिर…

शिक्षक सुखराम ठाकुर को उसी दौरान अन्य साथियो ने सलाह दी कि क्रेडिट कार्ड का उपयोग नहीं कर रहे हो तो उसे बंद करवा दो, तब आरोपी सुरेन्द्र कुमार साहू व जीवन लाल चन्देल को कहने पर वे मेरे घर आकर क्रेडिट कार्ड को बंद करने के नाम से ले गये थे। कुछ दिन बाद 13 अप्रैल 2022 को मेरे मोबाईल में मेसेज आया कि मेरे एकाउंट से क्रेडिट कार्ड से 01 लाख 92 हजार 950 रूपये आहरण हुआ हैं तब मैं सुरेन्द्र कुमार साहू व जीवन लाल चन्देल को फोन लगाकर पूछा कि मेरे क्रेडिट कार्ड से पैसा क्यों कट रहा हैं तब वह बोला कि पैसा वापस हो जायेगा चिन्ता करने की जरूरत नहीं हैं ।

क्रेडिट कार्ड से 17 लाख रूपये का लेनदेन

इस प्रकार शिक्षक सुखराम ठाकुर के खाते से लगभग हर महिने क्रेडिट कार्ड से 22/12/2022 तक कुल 17, 24, 939 (सत्रह लाख चौबीस हजार नौ सौ उन्चालिस) रूपया क्रेडिट कार्ड से आहरण हुआ। जब भी मेरे खाते से क्रेडिट कार्ड के माध्यम से राशि आहरण होता तो मैं आरोपी सुरेन्द्र कुमार साहू व जीवन चन्देल को फोन कर पूछा करता था, तो आरोपियों द्वारा जब भी क्रेडिट कार्ड से उनके खाते से राशि आहरण किया जाता, उसके कुछ दिन बाद कुछ रकम उनके खाते में जमा कर दिया जाता था। इस प्रकार आरोपियों द्वारा उक्त रकम में से 15 लाख 74 हजार 939 रुपये वापस किया जा चुका हैं, परन्तु उन्होंने अभी भी 01 लाख 50 हजार रूपये वापस नहीं किया है।

दूसरे शिक्षकों से भी ऐसी ही ठगी

इसी प्रकार आरोपियों द्वारा माध्यमिक शाला किल्लेकोडा में पदस्थ खिलावन सिंह उर्वशा को भी धोखा देकर उसके नाम से भारतीय स्टेट बैंक का क्रेडिट कार्ड बनवाकर तथा क्रेडिट कार्ड को अपने पास रखकर अनेक किस्तो में रकम निकालकर 01 लाख 08 हजार 960 रूपये का धोखाधडी किया गया। इसी तरह कर्रेगांव माध्यमिक शाला में पदस्थ जगन्नाथ कोरेटिया से 01 लाख 62 हजार538 रूपये तथा शा. हाई स्कूल किल्लेकोडा में लिपिक के पद पर पदस्थ ललित कुमार देवहारी का क्रेडिट कार्ड बनाकर 71 हजार 242 रूपये सहित कुल 04 लाख 92 हजार 743 रुपये की राशि को क्रेडिट कार्ड बनवाकर विभिन्न प्रकार के प्रलोभन देकर आरोपियों द्वारा भारतीय स्टेट बैंक के खातों से रकम निकालकर स्वयं उपयोग कर चारों के साथ धोखाधडी की गई है।

पुलिस ने यह मामला दर्ज कर धोखाधड़ी करने वाले भिलाई निवासी सुरेन्द्र कुमार साहू व जीवन लाल चन्देल की खोजबीन शुरू कर दी है। गौरतलब है कि किसी भी बैंक में अपना खाता होने पर बैंक द्वारा क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी दी जाती है, जिसमे एक लिमिट तक रकम निकालने के बाद निश्चित तारीख तक रकम बैंक में वापस जमा करा दी जाये तो उस पर कोई भी ब्याज नहीं लगता, लेकिन अगर रूपये वापस करने में देरी हुई तो भारी-भरकम ब्याज भी बैंक को देना पड़ता है। दोनों आरोपियों ने इसी का फायदा उठाया और खुद के इस्तेमाल के लिए रकम निकालकर फिर उसे जमा भी कर देते थे। मगर इनकी नियत ख़राब होती चली गई और इन्होने कई बार रकम निकाल कर जमा नहीं किया और यह रकम बढ़कर लगभग 5 लाख रूपये हो गई। ठगी के शिकार शिक्षकों की लापरवाही या फिर अज्ञानता के चलते इन्हे नुकसान हुआ। अब बैंक तो सीधे इन पीड़ितों से ही रूपये वसूलेगी। ठीक ही कहा गया है “अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत”

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