टीआरपी डेस्क
नई दिल्ली। नए संसद भवन का प्रधानमंत्री के हाथों दो दिन बाद उद्घाटन होना है और इसका विवाद थम नहीं रहा। कांग्रेस और बीजेपी के बीच खुलकर वाक्युद्ध छिड़ा है। इसी तारतम्य में अब परंपरागत निशानी सेंगोल पर कांग्रेस ने बीजेपी पर तंज कस्ते हुए पूरी भाजपा के दावों को सरासर झूठा बताया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा- वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी से झूठ फैलाया जा रहा। कांग्रेस नेता के मुताबिक सेंगोल पर भाजपा के दावे झूठे:कोई दस्तावेज नहीं, जिसमें नेहरू या लॉर्ड माउंटबेटन ने इसे सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक बताया गया है।
जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा है- इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि नई संसद को वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी से मिले ज्ञान से दूषित किया जा रहा है। बीजेपी-RSS बिना सबूत के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है। उन्होंने कहा, सेंगोल के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होने के कारण बीजेपी का एक बार फिर से पर्दाफाश हो गया है।
‘यह सच है कि सेंगोल (राजदंड), जिसको तत्कालीन मद्रास प्रांत में एक सनातन समूह ने बनाया था और मद्रास में ही तैयार करने के बाद अगस्त 1947 में देश के तत्कालीन PM जवाहर लाल नेहरू को सौंपा गया था। लेकिन इस बात का भी कोई भी दस्तावेजी सबूत नहीं है कि माउंटबेटन, राजाजी और नेहरू ने इस राजदंड को भारत में ब्रिटिश सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बताया हो। इससे पता चलता है कि इनके सभी दावे पूरी तरह से झूठे और बोगस हैं। हो सकता है उनको यह ज्ञान वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी से मिला हो।’
राजदंड को बाद में इलाहाबाद संग्रहालय में रखा गया। 14 दिसंबर, 1947 को नेहरू ने वहां जो कुछ कहा, वह सार्वजनिक रिकॉर्ड में है। भले ही उस पर लगा हुआ लेबल कुछ भी कहे। PM और उनका प्रचार करने वाले राजदंड का इस्तेमाल अब तमिलनाडु में अपने राजनीतिक फायदे के लिए कर रहे हैं। इन लोगों (बिग्रेड) के पास अपने हितों के लिए तथ्यों को उलझाने की विशेषज्ञता है।