नेशनल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार यानी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करने जा रहे हैं। इससे पहले नई संसद भवन का एक वीडियो सामने आया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें नए संसद भवन की भव्यता को दिखाया गया है। संसद भवन के बाहरी हिस्से के साथ साथ लोकसभा और राज्यसभा का वीडियो है। बताते चलें कि नए संसद भवन के उद्घाटन पर 20 विपक्षी दलों ने विरोध किया है, जबकि एनडीए दलों समेत 7 गैर एनडीए दल इस एतिहासिक मौके के साक्षी बनेंगे।

नए संसद भवन में लोकसभा की थीम मयूर पक्षी के आधार पर बनाई गई है, जबकि राज्यसभा को कमल थीम से बनाया गया है। नई में लोकसभा में 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है, जबकि राज्यसभा में 374 सदस्यों के बैठ सकते हैं। संयुक्त सत्र के दौरान लोकसभा को 1240 सीटों तक बढ़ाया जा सकता है। नई संसद चार मंजिला इमारत है। इसमें एक केंद्रीय कक्ष समेत लॉंज, मीटिंग हॉल समेत कई अन्य सुविधाएं भी हैं। नई संसद पूरी तरह डिजिटल होगी। लोकसभा और राज्यसभा में सांसदों की चेयर के आगे कंप्यूटर स्क्रीन लगाई गई हैं।
#WATCH | Delhi: First look at the New Parliament building that will be inaugurated by Prime Minister Narendra Modi on May 28.#NewParliamentBuilding pic.twitter.com/ouZoz6dLgu
— ANI (@ANI) May 26, 2023
नए संसद भवन के उद्घाटन का कांग्रेस समेत करीब 21 विपक्षी दलों ने विरोध किया है। कांग्रेस की मांग है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराया जाए। कांग्रेस को इस फैसले पर ममता बनर्जी, शरद पवार, आम आदमी पार्टी समेत कई अन्य दलों का समर्थन मिला है, जबकि 7 गैर एनडीए दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन में जाने का फैसला किया है। इनमें बीएसपी, टीडीपी, जेडीएस, शिरोमणि अकाली दल, बीजू जनता दल, वाईएसआरसीपी समेत 18 एनडीए के दल शामिल हैं।
बताते चलें कि नई संसद भवन का निर्माण कार्य सितंबर 2020 में शुरू हुआ था। नई संसद का निर्माण कार्य शुरू से विवादों में रहा है। सेंट्रल विस्टा प्रोग्राम के तहत हुए निर्माण कार्य पर कोरोना काल में नई संसद के निर्माण पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर याचिकाकर्ता पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। कांग्रेस ने नई संसद के निर्माण पर यह कहकर विरोध जताया कि यह फिजूलखर्ची है। कोरोना काल में लोगों की जान बचाने की जगह मोदी सरकार सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर 20000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।