नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के 101वें एपीसोड में देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने मन की बात के 101वें एपिसोड को देश के लिए सेकेंड सेंचुरी का प्रारंभ बताया और कहा कि पिछले महीने हम सभी ने इसकी स्पेशल सेंचुरी को सेलिब्रेट किया है। उन्होंने देश से कहा, जनता की भागीदारी ही इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी ताकत है।

पीएम मोदी ने कहा कि जब मन की बात का प्रसारण हुआ, तो उस समय दुनिया के अलग-अलग देशों में, अलग-अलग टाइम जोन में कहीं शाम हो रही थी तो कहीं देर रात थी। इसके बावजूद, बड़ी संख्या में लोगों ने 100वें एपिसोड को सुनने के लिए समय निकाला। उन्होंने कहा कि बीते दिनों हमने मन की बात में काशी तमिल संगमम की बात की. सौराष्ट्र तमिल संगमम की बात की. कुछ समय पहले ही वाराणसी में काशी तेलुगू संगमम भी हुआ। एक भारत श्रेष्ठ भावना को ताकत देने वाला ऐसे ही एक और अनूठा प्रयास देश में हुआ है। ये प्रयास है- युवा संगम का. शिक्षा मंत्रालय ने युवा संगम नाम से एक बेहतरीन पहल की है।


 महाराष्ट्र के शिवाजी शामराव डोले जिन्होंने रिटायर होने के बाद कुछ नया सीखने का फैसला किया और कृषि में डिप्लोमा किया, यानी, वो ‘जय जवान से, जय किसान की तरफ बढ़ चले। इस अभियान में शिवाजी डोले जी ने 20 लोगों की छोटी-सी टीम बनाई और कुछ पूर्व सैनिकों को भी जोड़ा। उनकी इस टीम ने वेकेंटेश्वर को-ऑपरेटिव पावर एंड एग्रो प्रोसेसिंग लिमिटेड नाम की एक सहकारी संस्था का प्रबंधन अपने हाथ में लिया। इस टीम की जो दो बड़ी विशेषतायें हैं, जिसने मेरा ध्यान आकर्षित किया है, वो ये है – जय विज्ञान और जय अनुसंधान।


आज 28 मई को, महान स्वतंत्रता सेनानी, वीर सावरकर जी की जयंती है। उनके त्याग, साहस और संकल्प-शक्ति से जुड़ी गाथाएँ आज भी हम सबको प्रेरित करती हैं. मैं वो दिन नहीं भूल सकता, जब मैं अंडमान में उस कोठरी में गया था, जहां वीर सावरकर ने कालापानी की सजा काटी थी। वीर सावरकर का व्यक्तित्व दृढ़ता और विशालता से समाहित था। उनके निर्भीक और स्वाभिमानी स्वभाव को गुलामी की मानसिकता बिल्कुल भी रास नहीं आती थी।


पीएम मोदी ने जापान दौरे का किया जिक्र
पीएम मोदी ने इस दौरान जापान के दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि, कुछ दिनों पहले मैं जापान गया जहां मुझे हिरोशिमा पीस मेमोरियल में जाने का मौका मिला. ये एक भावुक कर देने वाला पल था। जब हम इतिहास की यादों को संजोकर रखते हैं तो आने वाली पीढ़ियों की बहुत मदद करताा है।


पीएम मोदी ने बताया कि बीते वर्षों में भी हमने भारत में नए-नए तरह के म्यूजियम और मेमोरियल बनते देखे हैं। स्वाधीनता संग्राम में आदिवासी भाई-बहनों के योगदान को समर्पित 10 नए म्यूजियम बनाए जा रहे हैं. पीएम मोदी बोले, गुरुग्राम में एक अनोखा संग्रहालय है। म्यूजियो कैमरा, इसमें 1860 के बाद के 8 हजार से ज्यादा कैमरों का कलेक्शन मौजूद है. तमिलनाडु के म्यूजियम ऑफ पॉजिब्लिटीज को हमारे दिव्यांगजनों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय एक ऐसा म्यूजियम है, जिसमें 70 हजार से भी अधिक चीजें संरक्षित की गई हैं।