high court

बिलासपुर। प्रदेश में शिक्षक भर्ती में एकलव्य विद्यालय के अतिथि शिक्षकों को अनुभव का बोनस अंक नहीं देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने शासन को एक माह के भीतर नीति में संशोधन करने को कहा है।

बोनस अंक से किया जा रहा है वंचित

इस मामले में बिलाईगढ़, राजनांदगांव, खैरागढ़ आदि के याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि वे विगत कई वर्षों से केंद्र संचालित एकलव्य विद्यालयों में अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ शासन की ओर संचालित स्कूलों के अतिथि शिक्षकों को शिक्षक भर्ती में अधिकतम 10 अंक बोनस के दिए जा रहे हैं। पर एकलव्य विद्यालयों के शिक्षकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। याचिकाकर्ताओं ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के दिल्ली विश्वविद्यालय विरुद्ध दिल्ली संविदा कर्मचारी संघ के निर्णय का उल्लेख किया।

कोर्ट ने बोनस अंक को लेकर दिया निर्देश

हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद शासन को निर्देश दिया है कि बोनस अंक को लेकर सभी को समान अवसर मिल सके, इसलिए शासन अपनी भर्ती की नीति में आवश्यक संशोधन एक माह के भीतर करे। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को शासन के समक्ष तीन सप्ताह के भीतर अभ्यावेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा है।

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