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रायपुर। प्रदेश के राईस मिल एशोसिएशन ने एफसीआई अफसरों पर चावल स्वीकृत करने के नाम उगाही करने का आरोप लगाया है। इस सिलसिले में केन्द्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर बताया गया है कि अब तक 85 करोड़ से भी अधिक की अवैध वसूली हो चुकी है। उन्होंने इसकी जाँच की मांग की है।

अधिकारियों पर लगाये गंभीर आरोप

केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल को यह पत्र छत्तीसगढ़ राईस मिलर्स एसो. के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर ने लिखा है। रोशन ने 20 फ़रवरी को केंद्रीय मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक का जिक्र करते हुए बताया कि वे भी उस बैठक में राईस मिलर्स के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल हुए थे। तब मंत्री ने FCI की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त बनाने का वादा किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि इस संबंध में शिकायत हो तो सीधे उन्हें जानकारी दी जा सकती है। इसलिए छत्तीसगढ़ के राईस मिलर की ओर से वे यह शिकायत कर रहे हैं।

प्रति लॉट की कीमत 7500 रूपये..!

राईस मिलर्स की ओर से की गई शिकायत में रोशन चंद्राकर ने उल्लेख किया है कि वे धमतरी जिले के राईस मिलर भी हैं, जहां वर्तमान में FCI में 29 मीट्रिक टन चावल एक्सेप्ट करने के एवज में प्रति लॉट 7500 रूपये की रिश्वत ली जा रही है। पहले इसके एवज में 6000 रूपये लिए जाते थे। प्रदेश के सभी जिलों में राईस मिलर्स से इस तरह की वसूली की जाती है और नीचे से लेकर ऊपर तक इसकी बंदरबांट की जाती है। इतना ही नहीं FCI के अधिकारी यहां एकत्र रकम का हिस्सा मंत्री तक पहुँचाने की भी बात कहते हैं।

राईस मिलर्स ने प्रमुख रूप से जो शिकायत की है वो निम्नलिखित है :

(1) FCI के परिवहन बिल में एवरेज @3% राशि

(2) FRK निर्माताओ से @5% व

(3) Rice Miller के FRK के बिल को पास करने हेतु @2% की अतिरिक्त अवैध वसूली की जा रही है।

आर्थिक संकट में राईस मिल उद्योग

राईस मिलर ने लिखा है कि FCI के अधिकारियों के गिरोह द्वारा प्रदेश के राइस मिलर्स के आर्थिक शोषण के साथ-साथ उन्हें मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया जा रहा है। जिससे प्रदेश का राइस मिल उद्योग आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। इस व्यवस्था में रायपुर एफसीआई जिला कार्यालय में सत्या जेना जो रायपुर जिला ऑफिस में पिछले 12 वर्षों से एक ही पद पर सुशोभित है और एरिया मैनेजर का मुख्य कलेक्शनकर्ता और अधिकारियों के बीच डिस्ट्रीब्यूशन (बंटवारा) के मुख्य सूत्र है। अगर प्राथमिकी रिपोर्ट (FIR) दर्ज कर ED/CBI द्वारा कड़ी से कड़ी पूछताछ की जाती है व उनके व्हाट्स ऐप व मोबाइल फोन कॉल डेटा व मोबाइल डेटा के फोरेंसिक जांच की जाती है, तो सारे तथ्य दूध का दूध पानी का पानी की तरह स्वतः ही सबके सामने आ जायेंगे।

मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं : योगेश

छत्तीसगढ़ राईस मिलर्स एसो. के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने इस शिकायत के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। रोशन चंद्राकर ने व्यक्तिगततौर पर यह शिकायत की होगी।

औपचारिक चर्चा के दौरान योगेश अग्रवाल ने यह जरूर कहा कि सेवा शुल्क की परंपरा तो वर्षों से चली आ रही है, और वर्तमान में यह राज्य और केंद्र दोनों में है।

गौरतलब है कि प्रदेश में अब तक खाद्य विभाग के ऊपर भ्रष्टाचार की शिकायत और आरोप लगते रहे हैं, मगर पहली बार FCI के अधिकारियों के ऊपर भ्रष्ट होने का गंभीर आरोप लगा है। FCI याने फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इण्डिया केंद्र से संचालित इकाई है। अब देखना है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा केंद्र के इस विभाग के बारे में की गई शिकायत पर क्या कार्यवाही की जाती है।

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