विशेष संवादाता
रायपुर। किसी विद्वान ने सहीं कहा है…अगर किसी के दिल में उतरना हो तो उसका रास्ता मुंह से होकर ही जाता है। सीएम भूपेश ने सूबे की सियासत में अपनी परंपरा और छत्तीसगढ़ की संस्कृति का एक बार फिर परिचय दिया है। भेंट मुलाकात के जरिये सीधे प्रदेश की आम जनता से जुड़ने के साथ एक आम ग्रामीण के घर का नमक खाया और उन सभी को जो अपनापन प्रदर्शित किया यह उनका मास्टर स्ट्रोक साबित हो रहा है। भेंट-मुलाकात के दौरान जिन ग्रामीणों के घर मुख्यमंत्री ने भोजन किया और उन्हें तोहफा भी दिया था, उन्हें सपरिवार मुख्यमंत्री निवास में भोजन करवाकर फिर विपक्षी राजनीति को लोकप्रियता के मामले में परास्त कर दिया है।
आज सीएम हॉउस में सरगुजा के ग्रामीणों को मुख्यमंत्री ने आत्मीयता से सभी पहुना से मिले, भोजन परोसा और सभी के साथ समय बिताया। बता दें छत्तीसगढ़िया परंपरा और संस्कृति में किसी के घर भोजन कर उपहार देना और फिर उसे अपने घर भोज में आमंत्रित कर सम्मानित करने की परिपाटी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सपरिवार घर आए सरगुजा संभाग के उन ग्रामीण परिवारों के दिलों में जगह बनाई है।
सियासी चश्मे से देखें तो उन्होंने इससे गांव गांव में अपना अलग स्थान बना लिया है। उनके आतिथ्य, सत्कार, भोजन के वक्त सभी के पास जाकर हाल -चाल पूछने और जाते जाते सभी की मनचाही मुराद पूरी करने से सीएम भूपेश ज्यादा करीब आ गए हैं, इसका लाभ पूरी कांग्रेस को आगामी चुनाव में मिलेगा यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। कार्यक्रम में संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेम साय सिंह टेकाम, संसदीय सचिव श्रीमती अम्बिका सिंहदेव और पारसनाथ राजवाड़े, विधायक रामपुकार सिंह, खेलसाय सिंह, डॉ. विनय जायसवाल, गुलाब कमरो, विनय भगत भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
सरगुजा की बेटी की इक्षा सीएम ने किया पूरा
सरगुजा के ग्राम- करजी से आयी कुमारी मधुलिका प्रजापति ने मुख्यमंत्री को उनका स्केच बनाकर दिया था। आज भी अपने प्रिय सीएम भूपेश बघेल के लिए नया स्केच बनाकर लाई थी। उसने सीएम को बताया कि खैरागढ़ विश्वविद्यालय से चित्रकला की पढ़ाई करना चाहती हूं। मुख्यमंत्री ने मधुलिका की कला की खूब सराहना की और फ़ौरन खैरागढ़ विश्वविद्यालय में उसका दाखिला कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
गौरीशंकर बोले परंपरा संजोया है सीएम
पत्थलगांव विधानसभा क्षेत्र के बागबहार निवासी गौरीशंकर यादव ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि हमने उन्हें देशी खाना खिलाया था। आज मुख्यमंत्री जी ने हमें अपने निवास पर भोजन के लिए आमंत्रित कर हमें सम्मान दिया है। श्री यादव कहते हैं सच में भूपेश बघेल प्रदेश की परंपरा को संजोय हुए हैं।
घर की लीची-गुड़ सीएम को किया भेंट
कोई भी खली हांथ नहीं बलकि अपने मुख्यमंत्री के लिए कुछ न कुछ भेंट लेकर आया था। सीतापुर विधानसभा के मैनपाट विकासखण्ड के ग्राम राजापुर से आए श्री राजनाथ एक्का ने मुख्यमंत्री जी को लकड़ा की चटनी और कोइलरी भाजी खिलाई थी। आज भी सीएम के लिए वो घर में बना गुड़ और अपने बाग की लीची भेंट की।
इतना सम्मान और परंपरा निर्वहन याद रहेगा
सामरी विधानसभा के शंकरगढ़ से आए सत्यनारायण अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री उनके घर भोजन के लिए आए थे, उसे याद कर आज मुख्यमंत्री जी ने हमें भोजन के लिए बुलाकर छत्तीसगढ़ की परम्परा का निर्वाह किया और हमें सम्मान दिया। इतना सम्मान और परंपरा निर्वहन मुझे और मेरे पुरे परिवार को याद रहेगा