कलिंगा विश्वविद्यालय ने हाल ही में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (जीजीवी) और संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (यूनिसेफ) के साथ साझेदारी में विश्वविद्यालय के सभागार में पर्यावरण के लिए जीवन शैली और G20 भारत 2023 इंडिया के सहयोग से जलवायु, ऊर्जा, पर्यावरण और जल संरक्षण में युवाओं के ‘युवा नेतृत्व’ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन संपन्न किया गया ।

कार्यक्रम की शुरुआत गणमान्य अतिथियों द्वारा देवी सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया । कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर श्रीधर ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, हरित रोजगार और करियर पर विश्वविद्यालय और शिक्षाविदों के दृष्टिकोण की व्याख्या की।

यूनिसेफ की जल, स्वच्छता और स्वच्छता (वॉश) विशेषज्ञ सुश्री श्वेता पटनायक ने उभरते क्षेत्रों में हरित रोजगारों सहित जलवायु, ऊर्जा, पर्यावरण और जल उपयोग में युवाओं की भागीदारी पर एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया ।

यूनिसेफ की वाश विशेषज्ञ डॉ. प्रतिभा सिंह ने संस्थानों में जलवायु अनुकूल जल, स्वच्छता और स्वच्छता सुविधाओं पर प्रकाश डाला। छत्तीसगढ़ राज्य नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (क्रेडा) के अधीक्षण अभियंता श्री राजीव ज्ञानी ने नवीकरणीय ऊर्जा और सरकार की प्रमुख पहलों और हरित ऊर्जा के उभरते बाजार पर प्रस्तुति दी।

श्री अर्पित तिवारी, राज्य समन्वयक और नेहरू युवा केंद्र संगठन के अधिकारी ने जलवायु और जल कार्रवाई में युवाओं की भागीदारी और नेतृत्व पर प्रस्तुति दी। जल जीवन मिशन के खरीद और अनुबंध विशेषज्ञ श्री रोहित वाधवा ने हरित ऊर्जा और युवाओं के लिए संभावित करियर पथ पर सरकार की नीतियों पर अपना अनुभव साझा किए।

यूनिसेफ के श्री चंदन और गुरु घासीदास विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ अर्चना यादव ने कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों में जलवायु कार्रवाई और व्यवहार क्लबों पर युवाओं की आवाज पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र , पैनल चर्चा और शपथ ग्रहण समारोह हुआ। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कलिंगा विश्वविद्यालय के प्राध्यापक शामिल हुए और उन्होंने और शपथ ली। डॉ. अर्चना यादव ने बताया कि कार्यशाला गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर डॉ. आलोक कुमार चक्रवाल के नेतृत्व में यूनिसेफ के साथ शुरू की गई सहयोग परियोजना का हिस्सा है ।

विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। प्रोफेसर डॉ शिल्पी भट्टाचार्य, डीन कला और मानविकी और कार्यशाला के आयोजक प्रमुख ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।

डॉ. आकृति देवांगन, सहायक प्रोफेसर, सामाजिक कार्य विभाग कार्यशाला की संयोजक थीं। सुश्री गीतिका ब्रम्हभट्ट, सहायक प्राध्यापक, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने सत्र का संचालन किया।

इस कार्यशाला में आयोजन समिति के सदस्यों – सुश्री तुहिना चौबे, सुश्री गीतिका ब्रम्हभट्ट, डॉ. ए. राजशेखर, डॉ. ए. विजयानंद, डॉ. श्रद्धा हिरकाने, सुश्री जेसिका मिंज, डॉ. वफ़ी अहमद खान, श्री शेख अब्दुल कादिर, डॉ. विजयभूषण और अन्य सदस्यों के सहयोग से कार्यशाला सफलतापूर्वक संपन्न हुई।