नई दिल्ली : भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे रेसलर साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट नौकरी पर लौट गए है। बता दें कि कल पहलवानों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। जिसके बाद आज वो अपने कामों पर लौट गए है। हालांकि, इस खबर के सामने आने के बाद साक्षी ने तुरंत ट्वीट करते हुए इन खबरों का खंडन किया। उन्होंने लिखा- ये खबर बिलकुल गलत है। इंसाफ़ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई गलत खबर ना चलाई जाए।

बजरंग ने भी किया क्लीयर
वहीं स्टार पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा कि आंदोलन वापस लेने की खबर अपवाह है। ये उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए फैलाई जा रही है। वो ना तो पीछे हटे हैं और ना ही उन्होंने आंदोलन वापस लिया है। उन्होंने कहा कि महिला पहलवानों की एफआईआर वापस लेने की खबर भी झूठी है।

भारत के स्टार पहलवान भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को मांग पर लेकर जंतर- मंतर पर पिछले काफी समय से धरने पर बैठे थे, मगर 28 मई को उन्हें वहां से हटा दिया गया, जिसके बाद तीनों के नौकरी पर लौट गए हैं। हालांकि इसके बावजूद पहलवानों का विरोध जारी।

शनिवार को अमित शाह से मिले पहलवान
इसके बाद शनिवार रात को साक्षी, बजरंग और विनेश ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस दौरान पहलवानों ने गृह मंत्री से बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग की थी। इसके बाद गृह मंत्री ने पहलवानों से बिना भेदभाव के पूरी जांच का भरोसा दिया था। अमित शाह ने कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा। पुलिस जांच कर रही है। उन्होंने पहलवानों से यह भी पूछा था कि क्या पुलिस को अपने काम करने का समय नहीं देना चाहिए?

18 जनवरी को पहली बार धरने पर बैठे थे पहलवान
इस आरोप को लेकर पहलवान बजरंग, साक्षी और विनेश सबसे पहले 18 जनवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे। इसके बाद खेल मंत्रालय से कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद पहलवानों ने धरना समाप्त कर दिया था। कोई कार्रवाई न होने का आरोप लगाते हुए पहलवान 23 अप्रैल को दोबारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे। पहलवान और बृजभूषण दोनों तरफ से बयानबाजी का दौर चालू रहा। जहां एक तरफ बृजभूषण ने कहा कि आरोप साबित होने पर वह खुद को फांसी लगा लेंगे, तो वहीं पहलवान उनकी गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे।