नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम का सफल परीक्षण किया। मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि मिसाइल का टेस्ट अपने पूरी तरह सफल रहा। यह मिसाइल एक साथ कई टारगेट को तबाह कर सकती है। इस मिसाइल की रेंज 2000 किलोमीटर तक है।

मंत्रालय के अनुसार, मिसाइल के तीन सफल डिवेलपमेंट टेस्ट के बाद यह पहला प्री-इंडक्शन नाइट लॉन्च था। इस तरह का लॉन्च सिस्टम की सटीकता और विश्वसनीयता की पुष्टि करता है।

उड़ान डेटा लिया
मंत्रालय ने कहा, यह टेस्ट 7 जून की रात में किया गया। रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे उपकरणों को जहाजों में लगाकर विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया था, ताकि उड़ान डेटा को कैप्चर किया जा सके। DRDO और सामरिक बल कमान के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस टेस्ट को देखा। रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह ने इस परीक्षण के लिए DRDO और आर्म्ड फोर्सेस को बधाई दी।

आर्म्ड फोर्सेस में शामिल करने का रास्ता साफ
रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव और DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने DRDO प्रयोगशालाओं की टीमों और परीक्षण में शामिल होने वालों की सराहना की। DRDO और सामरिक बल कमान के वरिष्ठ अधिकारियों ने सफल उड़ान परीक्षण देखा। इस टेस्ट के सफल होने के बाद आर्म्ड फोर्सेस में इस बैलिस्टिक मिसाइल को शामिल करने का रास्ता और साफ हुआ है।

इससे पहले भी एक जून को भारत ने अग्नि-1 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल प्रशिक्षण प्रक्षेपण किया था।

मिसाइल पर वार हेड लगाया जा सकता है
अग्नि प्राइम मिसाइल अग्नि सीरीज की ही नई जेनरेशन की मिसाइल है। इस मिसाइल का वजन 11000 किलोग्राम है। 34.5 फिट लंबी मिसाइल पर एक या मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) वारहेड लगाया जा सकता है।

मोबाइल लॉन्चर से दागी जा सकती है

वैज्ञानिकों के मुताबिक, अग्नि प्राइम को 4000 किमी रेंज वाली अग्नि-4 और 5000 किमी रेंज वाली अग्नि-5 के टैक्नीकल स्पेसिफिकेशंस के साथ तैयार किया गया है। लिहाजा, इसकी टेक्नोलॉजी काफी एडवांस है। नई मिसाइल वजन में हलकी है और इसे मोबाइल लॉन्चर से भी फायर किया जा सकता है।

जल्द सेना में शामिल किए जाने की उम्मीद

अग्नि प्राइम मिसाइल दो स्टेज प्रोपेल्शन सिस्टम से चलती है और सॉलिड फ्यूल पर आधारित है। इसका गाइडेंस सिस्टम इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्ट्यूएटर्स से लैस हैं। अग्नि प्राइम न सिर्फ 2000 किमी की दूरी पर दुश्मन के वॉरशिप को निशाना बना सकती है, बल्कि परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम वॉरहेड इसे और खतरनाक बना देता है। उम्मीद जताई जा रही है कि इसे जल्दी ही सेना में शामिल किया जा सकता है।

अग्नि मिसाइल का पहला परीक्षण 1989 में हुआ

भारत ने 1989 में अग्नि मिसाइल का परीक्षण किया था। उस मिसाइल की मारक क्षमता 700 से 900 किमी तक थी। इसे 2004 में सेना में शामिल किया गया था। अब तक भारत अग्नि सीरीज की 5 मिसाइल लॉन्च कर चुका है।

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